लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

रैपिड फायर

मेकेदातु परियोजना

  • 31 Jul 2024
  • 3 min read

स्रोत: द हिंदू 

कर्नाटक के मुख्यमंत्री (CM) ने मानसून संकट के दौरान तमिलनाडु के साथ जल-बँटवारे के मुद्दों को हल करने हेतु एक महत्त्वपूर्ण समाधान के रूप में मेकेदातु संतुलन जलाशय परियोजना पर प्रकाश डाला है और ज़ोर देकर कहा है कि इस परियोजना से दोनों राज्यों को लाभ होगा, विशेष रूप से जल  की कमी के समय में। 

  • मेकेदातु बहुउद्देश्यीय परियोजना का उद्देश्य कनकपुरा के पास एक संतुलन जलाशय का निर्माण करना है, जो बंगलुरु को पीने का जल उपलब्ध कराएगा और 400 मेगावाट विद्युत उत्पन्न करेगा।
    • मेकेदातु कावेरी और अर्कावती नदियों के संगम पर एक गहरी घाटी है। 
  • सर्वोच्च न्यायालय ने कावेरी जल के बँटवारे का मामला सुलझा लिया है, जिसमें कर्नाटक को 177.25 हज़ार मिलियन क्यूबिक (TMC) फीट जल आवंटित करने की आवश्यकता है, लेकिन केवल सामान्य वर्ष में, न कि कम वर्षा वाले वर्ष में। तमिलनाडु को 177.25 टीएमसी फीट जल का अधिकार है, लेकिन केवल सामान्य मानसून के दौरान।
    • कर्नाटक के मुख्यमंत्री (CM) ने ज़ोर देकर कहा कि मेकेदातु जलाशय बंगलुरु की पेयजल ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करेगा और कर्नाटक को संकट वर्ष के दौरान तमिलनाडु को पानी छोड़ने में सक्षम करेगा, क्योंकि 65 टीएमसी फीट पानी रोका जा सकता है, जो अन्यथा समुद्र में चला जाएगा। 
  • हालाँकि निचले तटवर्ती राज्य तमिलनाडु ने इस परियोजना का विरोध किया क्योंकि उनका तर्क है कि मेकेदातु बाँध से नीचे की ओर पानी का प्रवाह काफी कम हो जाएगा, जिससे राज्य की कृषि गतिविधियों और जल आपूर्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा तथा कावेरी न्यायाधिकरण एवं सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार कावेरी नदी पर किसी भी परियोजना के लिये निचले तटवर्ती राज्य की अनापत्ति आवश्यक है।

Mekedatu_Project

और पढ़ें: मेकेदातु परियोजना

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2