मेघयान 25 | 19 Apr 2025
स्रोत: पी.आई.बी.
भारतीय नौसेना ने विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के गठन की स्मृति और WMO दिवस 2025 (प्रतिवर्ष, 23 मार्च) के उपलक्ष्य में मौसम विज्ञान और महासागर विज्ञान संगोष्ठी- मेघयान 25 के तीसरे संस्करण की मेज़बानी की।
- यह संगोष्ठी 2025 WMO दिवस की थीम- 'क्लोज़िंग द अर्ली वार्निंग गैप टुगेदर' के अनुरूप आयोजित किया गया था।
- आरंभ की गई पहल: नौसेना महासागर विज्ञान और मौसम विज्ञान निदेशालय (DNOM) और अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (SAC)- ISRO के बीच सहयोग से MOSDAC-IN वेब सेवाएँ आरंभ की गईं।
- यह भिन्न-भिन्न नौसेना मौसम कार्यालयों के लिये अलग-अलग लॉग-इन के साथ अनुकूलित उपग्रह-व्युत्पन्न मौसम उत्पाद प्रदान करेगा।
- लगभग एक दशक के बाद, संगोष्ठी ने सागरमंथन के 10वें संस्करण के शुभारंभ के साथ अपनी मौसम विज्ञान और समुद्र विज्ञान पत्रिका की पुनः शुरुआत की।
- विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO): इसकी स्थापना 23 मार्च 1950 को WMO अभिसमय के अनुसमर्थन द्वारा की गई थी और वर्ष 1951 में यह संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी बन गई।
- इसकी उत्पत्ति अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन (IMO) से हुई, जिसे वर्ष 1873 के वियना अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान कॉन्ग्रेस के बाद स्थापित किया गया था।
- यह एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसमें 193 सदस्य देश (भारत सहित) और क्षेत्र शामिल हैं।
- इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में है।
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