प्रारंभिक परीक्षा
प्रोजेक्ट एलीफेंट पर चर्चा
- 02 May 2022
- 7 min read
चर्चा में क्यों है?
प्रोजेक्ट एलीफेंट की 16वीं संचालन समिति की बैठक में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारत में मानव-हाथी संघर्ष (HEC) से निपटने एवं इसके प्रबंधन हेतु प्रमुख हाथी रेंज राज्यों में वन कर्मचारियों का मार्गदर्शन करने हेतु फील्ड मैनुअल लॉन्च किया है।
- इस मैनुअल को मंत्रालय द्वारा भारतीय वन्यजीव संस्थान (WWI) और वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWFI) के साथ मिलकर तैयार किया गया है।
- इसमें मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के लिये विस्तृत एवं सर्वोत्तम तरीके शामिल हैं। यह वन अधिकारियों/विभागों और अन्य हितधारकों को मानव-हाथी संघर्ष (आपात स्थिति में और जब संघर्ष की चुनौती उत्पन्न हो) की घटनाओं में कमी करने में मदद और मार्गदर्शन प्रदान के उद्देश्य से तैयार किया गया है।
हाथियों से संबंधित मुख्य बिंदु:
- भारत में हाथियों के वर्तमान आंँकड़े:
- भारत लगभग 27,000 एशियाई हाथियों का घर है, जो विश्व की हाथी प्रजातियों की सबसे बड़ी आबादी है।
- हाथी जनगणना 2017 के अनुसार, कर्नाटक में हाथियों की संख्या सबसे अधिक (6,049) है, इसके बाद असम (5,719) और केरल (3,054) का स्थान है।
- एशियाई हाथी:
- परिचय:
- एशियाई हाथी की तीन उप-प्रजातियाँ हैं: भारतीय, सुमात्रन तथा श्रीलंकन।
- भारतीय उप-प्रजाति सर्वाधिक विस्तृत क्षेत्र में पाई जाती है।
- हाथियों के झुंड का नेतृत्व सबसे पुरानी और बड़ी मादा सदस्य (झुंड की माता) द्वारा किया जाता है। इस झुंड में नर हाथी की सभी संतानें (नर और मादा) शामिल होती हैं।
- हाथियों में सभी स्तनधारियों की सबसे लंबी गर्भकालीन (गर्भावस्था) अवधि होती है, जो 680 दिनों (22 महीने) तक चलती है।
- 14 से 45 वर्ष के बीच की मादा हाथी लगभग हर चार साल में बच्चे को जन्म दे सकती हैं, जबकि औसत जन्म अंतराल 52 साल की उम्र में पांँच साल और 60 साल की उम्र में छह साल तक बढ़ जाता है।
- वैश्विक जनसंख्या: अनुमानित 20,000 से 40,000।
- सुरक्षा की स्थिति:
- IUCN की लाल सूची: संकटग्रस्त
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची-1
- CITES: परिशिष्ट- I
- परिचय:
- अफ्रीकी हाथी:
- परिचय:
- अफ्रीकी हाथियों की दो उप-प्रजातिययाँ हैं, सवाना (या झाड़ी) हाथी और वन हाथी।
- वैश्विक जनसंख्या: लगभग 4,00,000
- इससे पहले जुलाई 2020 में बोत्सवाना (अफ्रीका) में सैकड़ों हाथियों की मौत हुई थी।
- सुरक्षा की स्थिति:
- IUCN की लाल सूची में स्थान:
- अफ्रीकी सवाना हाथी: संकटग्रस्त
- अफ्रीकी वन हाथी: अतिसंकटग्रस्त
- CITES: परिशिष्ट- II
- IUCN की लाल सूची में स्थान:
- परिचय:
- खतरा:
- शिकार में वृद्धि
- प्राकृतिक आवास का नुकसान
- मानव-हाथी संघर्ष
- हाथियों को कैद में रखकर प्रतिकूल व्यवहार करना
- हाथी पर्यटन के कारण दुरुपयोग
- बड़े पैमाने पर खनन और कॉरिडोर का विनाश
संरक्षण के लिये उठाए गए कदम:
- हाथी के शिकारियों और उनको मारने वालों को गिरफ्तार करने की योजनाएँ तथा कार्यक्रम बनाना।
- राज्यों में विभिन्न हाथी अभ्यारण्यों की घोषणा और स्थापना। उदाहरण के लिये कर्नाटक में मैसूर और दांडेली हाथी रिज़र्व।
- लैंटाना और यूपेटोरियम नामक घासों (आक्रामक प्रजातियों) की सफाई कर हाथियों को उन्हें खाने से रोकना।
- मानव-हाथी संघर्ष को रोकने के लिये बाड़ों का निर्माण करना।
- गज यात्रा एक राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान है जिसमें हाथियों एवं हाथी गलियारों को सुरक्षित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है।
- हाथियों की अवैध हत्या की निगरानी (माइक) कार्यक्रम वर्ष 2003 में शुरू किया गया, यह एक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग है जो पूरे अफ्रीका और एशिया में हाथियों की अवैध हत्या से संबंधित प्रवृत्तियों की जानकारी को ट्रैक करता है ताकि क्षेत्र के संरक्षण प्रयासों की प्रभावशीलता की निगरानी की जा सके।
- हाथी परियोजना: यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है और हाथियों, उनके आवास तथा गलियारों की सुरक्षा के लिये फरवरी 1992 में शुरू की गई थी।
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय परियोजना के माध्यम से देश के प्रमुख हाथी रेंज राज्यों को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान करता है।
- यहाँ तक कि महावत (जो लोग सवारी करते हैं और हाथियों की देखभाल करते हैं) तथा उनके परिवार हाथियों के कल्याण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय (SC) ने नीलगिरि हाथी गलियारे पर मद्रास उच्च न्यायालय (HC) के वर्ष 2011 के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें जानवरों के लिये गलियारा बनाने के अधिकार और क्षेत्र में रिसॉर्ट्स को बंद करने की पुष्टि की गई थी।
विगत वर्षों के प्रश्न:प्रश्न. भारतीय हाथियों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (a) |