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मलेशिया की ओरंगुटान कूटनीति

  • 27 Aug 2024
  • 2 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में मलेशिया ने चीन की "पांडा कूटनीति" से प्रेरित होकर मलेशियाई पाम ऑयल का आयात करने वाले देशों को ओरांगुटान (वानर प्रजाति) उपहार में देने के अपने पूर्व के प्रस्ताव को वापस ले लिया।

  • इसके स्थान पर नई योजना बनाई गई, जिसमें आयातकों को ओरंगुटान को "प्रायोजित" करने हेतु आमंत्रित किया गया, जिससे प्राप्त धनराशि को मलेशिया में उनके संरक्षण के लिये उपयोग किया जाएगा।
  • मलेशिया विश्व का दूसरा सबसे बड़ा पाम ऑयल उत्पादक (इंडोनेशिया के बाद) देश है, जहाँ  निर्वनीकरण ज़ारी है, जिससे ओरंगुटान के पर्यावासों को खतरा है। इसके चलते इसे पाम ऑयल उद्योग को अधिक संधारणीय बनाने के लिये दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
  • ओरंगुटान (पोंगो): मलय शब्द ओरंगुटान का अर्थ "पर्सन ऑफ द फॉरेस्ट" है।
    • ये अत्यधिक बुद्धिमान, लंबे बालों वाले, नारंगी रंग के प्राइमेट हैं, जो केवल बोर्नियो और सुमात्रा में पाए जाते हैं।
    • इनकी 3 प्रजातियाँ हैं: बोर्नियन, सुमात्रान और तपानुली
    • इनकी भुजाएँ लंबी होती हैं और वृक्षों पर विचरण करने, फल खाने तथ बीज फैलाने में सहायता के लिये इनके हाथ एवं पैर की पकड़ प्रबल होती है।
    • अन्य प्रजातियों के विपरीत ये अधिक एकाकी होते हैं और मुख्य रूप से मुखाकृतिक तथा कायिक स्वभाव (हाव-भाव) के माध्यम से संप्रेषण करते हैं। तेज़ी से हो रही वनों की कटाई, जो प्रमुखतः पाम ऑयल के बागानों के कारण होती है, ने इस प्रजाति को संकटग्रस्त बना दिया है।
    • IUCN में स्थिति: गंभीर रूप से संकटग्रस्त
  • हाल ही में भारत और मलेशिया ने अपने संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी में उन्नत करके इसे आगे बढ़ाने हेतु एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया।

और पढ़ें: भारत और मलेशिया के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी

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