महात्मा गांधी ग्रीन ट्राएंगल | 21 Mar 2022
हाल ही में आज़ादी के अमृत महोत्सव को चिह्नित करने के लिये मेडागास्कर में महात्मा गांधी ग्रीन ट्राएंगल (Mahatma Gandhi Green Triangle) का अनावरण किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- ट्राएंगल या तिराहे में ग्रीन या हरा शब्द सतत् विकास और पर्यावरण को बचाने के लिये उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- इस ट्राएंगल का नाम महात्मा गांधी ग्रीन ट्राएंगल रखने का उद्देश्य महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करना है।
- महात्मा गांधी एक ‘प्रसिद्ध प्रवासी' थे, जो दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे तथा भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया और भारतीयों के जीवन को हमेशा के लिये बदल दिया।
- मेडागास्कर में भारतीय राज्य गुजरात के प्रवासी लोग बड़ी संख्या में रहते हैं तथा गांधीजी गुजरात राज्य के पोरबंदर से संबंधित थे, अत: उन्ही के नाम पर एक ग्रीन ट्राएंगल का अनावरण मेडागास्कर की राजधानी में किया गया है।
- मेडागास्कर ने क्षेत्र को हरा-भरा करने में दूतावास के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रयास एंटानानारिवो की शहरी नगर पालिका के उद्देश्य को पूरा करता है जो कि दूतावास द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, राजधानी मेडागास्कर में अधिकतम हरित क्षेत्र को निर्मित करना है।
महात्मा गांधी से संबंधित प्रमुख तथ्य:
- जन्म: 2 अक्तूबर, 1869 को पोरबंदर (गुजरात) में।
- संक्षिप्त परिचय: वे एक प्रसिद्ध वकील, राजनेता, सामाजिक कार्यकर्त्ता और लेखक थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध भारत के राष्ट्रवादी आंदोलन का नेतृत्व किया।
- सत्याग्रह: दक्षिण अफ्रीका (1893-1915) में उन्होंने जन आंदोलन की एक नई पद्धति यानी ‘सत्याग्रह’ की स्थापना की और इसके साथ ही नस्लवादी शासन का सफलतापूर्वक मुकाबला किया।
- भारत वापसी: वे 9 जनवरी, 1915 को दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे।
- भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को चिह्नित करने हेतु प्रतिवर्ष 09 जनवरी को ‘प्रवासी भारतीय दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
- भारत में सत्याग्रह आंदोलन: महात्मा गांधी का मानना था कि अहिंसा का धर्म सभी भारतीयों को एकजुट कर सकता है।
- वर्ष 1917 में उन्होंने किसानों को नील की खेती की दमनकारी प्रणाली के खिलाफ संघर्ष के लिये प्रेरित करने हेतु बिहार के चंपारण की यात्रा की थी।
- वर्ष 1919 में उन्होंने प्रस्तावित ‘रॉलेट एक्ट’ (1919) के विरुद्ध एक राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह शुरू करने का फैसला किया।
- असहयोग आंदोलन (1920-22): सितंबर 1920 में काॅन्ग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में उन्होंने अन्य नेताओं को खिलाफत और स्वराज के समर्थन में एक असहयोग आंदोलन शुरू करने की आवश्यकता के बारे में आश्वस्त किया।
- नमक मार्च और सविनय अवज्ञा आंदोलन: असहयोग आंदोलन समाप्त होने के बाद कई वर्षों तक महात्मा गांधी ने अपने सामाजिक सुधार कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया।
- वर्ष 1930 में गांधीजी ने घोषणा की कि वे नमक कानून को तोड़ने के लिये एक मार्च का नेतृत्व करेंगे।
- इस कानून के अनुसार नमक के निर्माण और बिक्री पर राज्य का एकाधिकार था।
- वर्ष 1930 में गांधीजी ने घोषणा की कि वे नमक कानून को तोड़ने के लिये एक मार्च का नेतृत्व करेंगे।
- भारत छोड़ो आंदोलन:
- द्वितीय विश्व युद्ध (1939-45) के प्रकोप के साथ भारत में राष्ट्रवादी संघर्ष अपने अंतिम महत्त्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर गया।
- सामाजिक कार्य:
- उन्होंने तथाकथित अछूतों के उत्थान के लिये भी महत्त्वपूर्ण कार्य किये और अछूतों को एक नया नाम दिया- 'हरिजन', जिसका अर्थ है ‘ईश्वर की संतान’।
- सितंबर 1932 में ‘बी.आर. अंबेडकर’ ने महात्मा गांधी के साथ ‘पूना समझौते’ पर बातचीत की।
- आत्मनिर्भरता का उनका प्रतीक- चरखा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का एक लोकप्रिय चिह्न बन गया।
- उन्होंने तथाकथित अछूतों के उत्थान के लिये भी महत्त्वपूर्ण कार्य किये और अछूतों को एक नया नाम दिया- 'हरिजन', जिसका अर्थ है ‘ईश्वर की संतान’।
- पुस्तकें: हिंद स्वराज, सत्य के साथ मेरे प्रयोग (आत्मकथा)।
- मृत्यु: 30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।
- 30 जनवरी को देश भर में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।