REC को महारत्न का दर्जा | 24 Sep 2022
हाल ही में ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (REC) को 'महारत्न' केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (CPSE) का दर्जा दिया गया है।
REC और महारत्न:
- REC का परिचय:
- REC एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है, जिसे वर्ष 1969 में स्थापित किया गया था, जो पूरे भारत में बिजली क्षेत्र के वित्तपोषण और विकास पर ध्यान केंद्रित करती है।
- यह विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत आती है।
- इसे निम्नलिखित के रूप में भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं के लिये एक नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है:
- उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय) की निगरानी में REC विद्युत मंत्रालय की भी सहायता करती है।
- REC को महारत्न का दर्जा मिलने के लाभ:
- ‘महारत्न' CPSE का बोर्ड वित्तीय संयुक्त उद्यम और पूर्ण स्वामित्त्व वाली सहायक कंपनियों को शुरू करने के लिये इक्विटी निवेश कर सकता है एवं भारत और विदेशों में विलय और अधिग्रहण कर सकता है, जो संबंधित CPSE के कुल मूल्य के 15% की सीमा तक सीमित है। यह राशि एक प्रोजेक्ट के लिये ₹5,000 करोड़ रुपए है।
- बोर्ड कर्मियों और मानव संसाधन प्रबंधन तथा प्रशिक्षण से संबंधित योजनाओं का संरचना कार्य तथा कार्यान्वयन भी कर सकता है।
- REC अब प्रौद्योगिकी संयुक्त उद्यम या अन्य रणनीतिक गठबंधनों में भी प्रवेश कर सकता है।
- महारत्न’ का दर्जा:
- ‘महारत्न’ व्यवस्था की शुरुआत वर्ष 2010 में सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े उद्यमों को वैश्विक दिग्गज बनाने के उद्देश्य से की गई थी।
- ‘केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों’ (CPSEs) का आशय उन कंपनियों से है, जिनमें केंद्र सरकार या अन्य CPSE की प्रत्यक्ष हिस्सेदारी 51% या उससे अधिक होती है।
- ‘महारत्न’ का दर्जा उस कंपनी को दिया जाता है जिसने लगातार बीते तीन वर्षों में 5,000 करोड़ रुपए से अधिक का शुद्ध लाभ प्राप्त किया है अथवा बीते तीन वर्षों के लिये उसका औसत वार्षिक कारोबार 25,000 करोड़ रुपए था या फिर बीते तीन वर्षों के लिये उसका औसत वार्षिक शुद्ध मूल्य 15,000 करोड़ रुपए है।
- ‘केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों’ के लिये भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने हेतु ‘नवरत्न’ का दर्जा प्राप्त करना अनिवार्य है।
- सरकार ने CPSEs को महारत्न, नवरत्न और मिनीरत्न का दर्जा देने के लिये मानदंड निर्धारित किये हैं।
- ‘महारत्न’ व्यवस्था की शुरुआत वर्ष 2010 में सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े उद्यमों को वैश्विक दिग्गज बनाने के उद्देश्य से की गई थी।
CPSEs का वर्गीकरण |
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श्रेणी |
शुरुआत |
मानदंड |
उदाहरण |
महारत्न |
CPSEs के लिये महारत्न योजना मई 2010 में शुरू की गई थी, ताकि मेगा CPSEs को अपने संचालन का विस्तार करने और वैश्विक दिग्गजों के रूप में उभरने के लिये सशक्त बनाया जा सके। |
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नवरत्न |
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मिनीरत्न |
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श्रेणी-1: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड, आदि। श्रेणी-2: भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (ALIMCO ), भारत पंप्स एंड कंप्रेसर्स लिमिटेड (BPCL), आदि। |