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चंद्रमा के सुदूर भाग पर ज्वालामुखी गतिविधि

  • 18 Nov 2024
  • 6 min read

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

चर्चा में क्यों? 

नेचर और साइंस में प्रकाशित एक नए अध्ययन में चंद्रमा के सुदूर भाग पर ज्वालामुखी गतिविधियों का उल्लेख (जो चीन के चांग'ए-6 मिशन के नमूनों पर आधारित है) किया गया है। इससे चंद्रमा के भू-विज्ञान के बारे में जानकारी का मार्ग प्रशस्त होता है।

अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष क्या हैं?

  • चंद्रमा के निकटवर्ती भाग की तरह इसके सुदूर भाग पर भी अरबों वर्ष पहले ज्वालामुखी विस्फोट हुए थे जिनमें 2.8 से 4.2 अरब वर्ष पुराने चट्टान के टुकड़े पाए गए हैं, जिनसे व्यापक चंद्र ज्वालामुखी विस्फोट की पुष्टि होती है। 
  • ये विस्फोट एक अरब वर्षों से अधिक समय तक चले तथा भविष्य के अनुसंधान का उद्देश्य इनकी अवधि और कारणों को समझना है।
  • इसका सुदूर भाग कम समतल है तथा इसमें निकटवर्ती भाग की तरह विशाल लावा मैदानों का अभाव है जिससे यह प्रश्न उठता है कि दोनों भागों की भू-वैज्ञानिक विशेषताएँ इतनी भिन्न क्यों हैं।
  • ये निष्कर्ष महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि इनसे चंद्रमा के भू-वैज्ञानिक इतिहास की समझ बढ़ने के साथ चंद्रमा के सुदूर तथा निकटवर्ती भाग के बीच अंतर की व्याख्या हो सकती है।

चंद्रमा का सुदूर भाग

चंद्रमा पृथ्वी से ज्वारीय रूप से जुड़ा हुआ है, जिसका अर्थ है कि इसे एक घूर्णन में 27.3 दिन लगते हैं और पृथ्वी की परिक्रमा करने में भी इतना ही समय लगता है। इसके कारण चंद्रमा का एक ही भाग हमेशा पृथ्वी की ओर रहता है जबकि दूसरा भाग (जिसे सुदूर भाग कहा जाता है) छिपा रहता है।

चीन का चांग'ए-6 मिशन क्या है?

  • चांग'ई कार्यक्रम: चांग'ई मिशन चीन के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम (CLEP) का हिस्सा है जिसे वर्ष 2003 में चीन नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (CNSA) द्वारा शुरू किया गया था।
    • चांग'ई श्रृंखला का उद्देश्य चंद्रमा एवं उसके भू-वैज्ञानिक इतिहास की समझ को बेहतर करना है।
  • मिशन के चरण:

उद्देश्य

वर्ष

मुख्य सफलताएँ

चांग'ई 1

2007

चंद्रमा की सतह का एक व्यापक मानचित्र तैयार किया।

चांग'ई 2

2010

चंद्र मिशन के प्रथम चरण की शुरुआत, इसमें भविष्य के मिशनों का समर्थन करने के लिये कैमरा शामिल है।

चांग'ई 3

2013

चंद्रमा के निकटवर्ती भाग पर रोवर को सफलतापूर्वक उतारा गया, II चरण की शुरुआत का प्रतीक

चांग'ई 4

2019

चंद्रमा के सुदूर भाग पर पहली बार सॉफ्ट लैंडिंग की और इस रहस्यमय क्षेत्र का अन्वेषण किया।

चांग'ई 5

2020

चंद्रमा के निकटवर्ती भाग में एक लैंडर द्वारा चंद्रमा की मिट्टी के नमूने पृथ्वी पर वापस लाए गए, जिससे III चरण की शुरुआत हुई।

चांग'ई 6

2023

चरण III के भाग के रूप में इसके द्वारा चंद्रमा के सुदूर भाग से पृथ्वी पर नमूने लाए गए। इसका उद्देश्य निकटवर्ती तथा सुदूर भागों के बीच अंतर का पता लगाना है।

भारत की सुदूर चंद्र योजनाएँ: भारत की योजना वर्ष 2028 में चंद्रयान-4 के रूप में चंद्रमा से नमूना-वापस लाने संबंधी मिशन की शुरूआत करना है लेकिन चंद्रमा के सुदूर भाग का पता लगाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। हालाँकि, आर्टेमिस समझौते के हस्ताक्षरकर्ता के रूप में भारत से भविष्य के चंद्र अन्वेषण मिशनों में सहयोग करने की उम्मीद है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रश्न: सेलेन-1, चंद्र ऑर्बिटर मिशन निम्नलिखित में से किसका है? (2008)

(a) चीन 

(b) यूरोपीय संघ 

(c) जापान 

(d) यूएसए

उत्तर: (c)


प्रश्न1. हाल ही में चर्चा में रहे अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के थेमिस मिशन का क्या उद्देश्य है? (2008)

(a) मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना का अध्ययन करना
(b) शनि के उपग्रहों का अध्ययन करना
(c) उच्च अक्षांश आकाश के रंगीन प्रदर्शन का अध्ययन करना
(d) तारकीय विस्फोट का अध्ययन करने के लिये एक अंतरिक्ष प्रयोगशाला बनाना

उत्तर: (c)


प्रश्न: निम्नलिखित में से किस ग्रह के सबसे अधिक प्राकृतिक उपग्रह या चंद्रमा हैं? (2009)

(a) बृहस्पति 

(b) मंगल 

(c) शनि 

(d) शुक्र

उत्तर: (a)

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