लेप्टोब्रैकियम आर्याटियम | 17 Apr 2025
स्रोत: द हिंदू
असम में एक अध्ययन से मेंढक की एक नई प्रजाति, लेप्टोब्रैकियम आर्याटियम (Leptobrachium aryatium) की खोज हुई है, जिसका नाम गुवाहाटी स्थित आर्य विद्यापीठ कॉलेज के नाम पर रखा गया है।
- लेप्टोब्रैकियम आर्याटियम: इसकी पहचान गर्भंगा रिज़र्व फॉरेस्ट में की गई है। यह प्रजाति अपनी विशिष्ट विशेषताओं के लिये जानी जाती है, जिसमें तीक्ष्ण नारंगी और काली आँखें, कंठ पर जालिकारुपी विशिष्ट पैटर्न और संध्या के समय सहज, लयबद्ध आवाज़ शामिल है।
- इस मेंढक की पहचान पहली बार वर्ष 2004 में लेप्टोब्रैकियम स्मिथी के रूप में की गई थी, लेकिन हाल ही में आणविक और आकारिकी संबंधी अध्ययनों के आधार पर इसकी पुष्टि एक नवीन प्रजाति के रूप में की गई है।
- लेप्टोब्रैकियम जीनस सुदृढ़ काया वाले मेंढकों की 38 प्रजातियों का समूह है जो अपने चौड़े सिर, लघु पश्च पाद और विशिष्ट रंग की आँखों के लिये जाने जाते हैं। ये दक्षिणी चीन, भारत, सुंडा शेल्फ और फिलीपींस सहित एक विस्तृत भौगोलिक क्षेत्र में पाए जाते हैं।
- गर्भांगा रिज़र्व फॉरेस्ट: यह असम-मेघालय सीमा के समीप, असम के गुवाहाटी के दक्षिण-पश्चिमी भाग में अवस्थित है। गर्भांगा रिज़र्व गुवाहाटी की जलवायु और जल तंत्रों को नियंत्रित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और यहाँ हाथी, तितलियाँ, दुर्लभ पक्षियाँ, सरीसृप और उभयचरों सहित विभिन्न प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं।
- इसके समक्ष नगर प्रसार और पर्यावास ह्रास जैसे खतरे हैं।
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