लीड्स 2024 रिपोर्ट | 07 Jan 2025
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने छठी लॉजिस्टिक्स ईज़ एक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स (LEADS) 2024 रिपोर्ट जारी की।
- गतिशक्ति विश्वविद्यालय (GSV) ने कुशल अवसंरचना नियोजन और राष्ट्रीय विकास के लिये PM गतिशक्ति अवधारणा पर एक पाठ्यक्रम शुरू किया।
लीड्स 2024 रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- परिचय: यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा अंतर-राज्यीय प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देने और नीति निर्माताओं को लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन में सुधार करने में मदद करने के लिये जारी किया जाने वाला एक वार्षिक मूल्यांकन है।
- LEADS की परिकल्पना वर्ष 2018 में विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक (LPI) की तर्ज पर की गई थी।
- उद्देश्य: इसका उद्देश्य सुधारों की पहचान करने, निवेश आकर्षित करने और लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार करने के लिये राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) में लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन का मूल्यांकन करना है।
- मूल्यांकन: रिपोर्ट चार प्रमुख स्तंभों के आधार पर लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन का आकलन करती है:
- लॉजिस्टिक्स अवसंरचना
- लॉजिस्टीक्स सेवा
- परिचालन और विनियामक वातावरण
- सतत् लॉजिस्टिक्स (वर्ष 2024 में शुरू किया गया)।
- वर्ष 2024 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग:
समूह |
अचीवर्स |
फास्ट मूवर्स |
आकांक्षी |
तटीय राज्य |
गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु |
आंध्र प्रदेश, गोवा |
केरल, पश्चिम बंगाल |
स्थलरुद्ध राज्य |
हरियाणा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड |
बिहार, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान |
छत्तीसगढ़, झारखंड |
पूर्वोत्तर राज्य |
असम, अरुणाचल प्रदेश |
मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा |
मणिपुर |
केंद्र शासित प्रदेश |
चंडीगढ़, दिल्ली |
दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव, जम्मू और कश्मीर, लक्षद्वीप, पुडुचेरी |
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लद्दाख |
- प्रमुख सिफारिशें:
- लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में परिवर्तन लाने के लिये लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में LEAD ढाँचे को अपनाने की आवश्यकता है।
- LEAD फ्रेमवर्क में दक्षता, प्रभावशीलता, पहुँच और जवाबदेहिता के साथ प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण शामिल है।
- ग्रीन लॉजिस्टिक्स और धारणीय परिवहन पहल को बढ़ावा देना चाहिये।
- मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स हब को बढ़ावा देने के क्रम में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) को प्रोत्साहित करना चाहिये।
- अंतिम मील तक कनेक्टिविटी हेतु क्षेत्रीय तथा शहर स्तरीय लॉजिस्टिक्स योजनाएँ विकसित करनी चाहिये।
- लैंगिक समावेशिता को बढ़ावा देना चाहिये।
- बेहतर लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन के लिये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML) एवं डेटा एनालिटिक्स जैसी नई तकनीकों को अपनाना चाहिये।
- लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में परिवर्तन लाने के लिये लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में LEAD ढाँचे को अपनाने की आवश्यकता है।
भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र
- योगदान: इसका भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 13-14% का योगदान होने के साथ इससे 22 मिलियन से अधिक लोगों को आजीविका मिलती है। इस क्षेत्र में वर्ष 2027 तक 1 करोड़ रोज़गार होने का अनुमान है।
- वित्त वर्ष 22 में भारत का लॉजिस्टिक्स बाज़ार 435 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था और वित्त वर्ष 27 तक इसके 591 बिलियन अमरीकी डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है।
- लॉजिस्टिक्स लागत: वर्तमान में भारत की लॉजिस्टिक्स लागत सकल घरेलू उत्पाद के सापेक्ष 13-14% (जो काफी अधिक है) है।
- राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (NLP) 2022 का उद्देश्य भारत की लॉजिस्टिक्स लागत को सकल घरेलू उत्पाद के 8-9% के वैश्विक बेंचमार्क के अनुरूप कम करना है।
- वैश्विक स्थिति: विश्व बैंक की लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक रिपोर्ट, 2023 में 139 देशों में भारत 38वें स्थान पर है।
- LPI, विश्व बैंक द्वारा विकसित एक इंटरैक्टिव टूल है जो देशों को व्यापार लॉजिस्टिक्स से संबंधित चुनौतियों एवं अवसरों की पहचान करने के साथ उनके प्रदर्शन को बेहतर बनाने में सहायक है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्सप्रश्न: 'राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष' के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2017)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (d) |