भारत का विधि आयोग | 09 Nov 2022
उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश रितुराज अवस्थी को वर्ष 2020 में गठित भारत के 22वें विधि आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
भारत का विधि आयोग:
- परिचय:
- भारत का विधि आयोग समय-समय पर भारत सरकार द्वारा गठित एक गैर-सांविधिक निकाय है।
- स्वतंत्र भारत का पहला विधि आयोग वर्ष 1955 में तीन साल के कार्यकाल के लिये स्थापित किया गया था।
- पहला विधि आयोग वर्ष 1834 में ब्रिटिश राज काल के दौरान वर्ष 1833 के चार्टर अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया था और इसकी अध्यक्षता लॉर्ड मैकाले ने की थी।
- भारत का विधि आयोग समय-समय पर भारत सरकार द्वारा गठित एक गैर-सांविधिक निकाय है।
- उद्देश्य:
- यह कानून और न्याय मंत्रालय के सलाहकार निकाय के रूप में काम करता है।
- विधि आयोग का कार्य कानून संबंधी अनुसंधान और भारत में मौजूदा कानूनों की समीक्षा करना है ताकि इसमें सुधार किया जा सके एवं केंद्र सरकार या स्व-प्रेरणा द्वारा इसके संदर्भ में नए कानून बनाए जा सकें।
- सदस्य संरचना:
- एक पूर्णकालिक अध्यक्ष के साथ-साथ आयोग में एक सदस्य-सचिव सहित और चार पूर्णकालिक सदस्य होते हैं।
- कानून मंत्रालय का कानून और विधायी सचिव इस आयोग का पदेन सदस्य होगा।
- इसमें अंशकालिक सदस्यों की संख्या पाँच से अधिक नहीं होगी।।
- सर्वोच्च न्यायालय का सेवानिवृत्त न्यायाधीश या उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश इस आयोग का अध्यक्ष होगा।
आयोग की मुख्य सिफारिशें:
- विधि आयोग ने अपनी 262वीं रिपोर्ट में आतंकवाद से संबंधित अपराधों और राज्य के खिलाफ युद्ध को छोड़कर सभी अपराधों के लिये मृत्युदंड की सज़ा को समाप्त करने की सिफारिश की।
- चुनावी सुधारों पर इसकी रिपोर्ट (वर्ष 1999) में शासन में सुधार एवं स्थिरता के लिये लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का सुझाव दिया गया था।
- विधि आयोग ने देश में समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने की भी सिफारिश की थी।
- कैदियों की पहचान अधिनियम, 1920 की जगह लाए गए आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) अधिनियम, 2022 को भी भारत के विधि आयोग द्वारा प्रस्तावित किया गया था।