लाल डोरा-मुक्त हरियाणा | 24 Jul 2024
हरियाणा के सभी गाँवों को लाल डोरा-मुक्त बना दिया गया है। राज्य सरकार ने 25 दिसंबर 2019 को सुशासन दिवस पर गाँवों को "लाल डोरा-मुक्त" बनाने की योजना शुरू की थी।
- यह ड्रोन तकनीक का प्रयोग करके भू-परिसंपत्तियों की मैपिंग और वैधानिक स्वामित्व कार्ड जारी करने के साथ गाँव के मकान मालिकों को 'अधिकारों का रिकॉर्ड' प्रदान करके ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों में परिसंपत्ति के स्पष्ट स्वामित्व की स्थापना की दिशा में एक सुधारात्मक कदम है।
- इसके तहत प्रत्येक गाँव में ग्रामीण और आवासीय क्षेत्रों का फील्ड सत्यापन किया गया और 'लाल डोरा' के अंतर्गत आने वाली प्रत्येक भू-परिसंपत्ति की मैपिंग का बारीकी से निरीक्षण किया गया।
- कुछ राज्यों में गाँवों की आबादी वाले क्षेत्र (जिन्हें पंजाब और हरियाणा में "लाल डोरा" भूमि और कुछ स्थानों पर "आबादी" के रूप में जाना जाता है) को अधिकतर ऐसे सर्वेक्षणों से बाहर रखा गया था।
- कई भारतीय ग्रामीण समुदायों को दस्तावेज़ी भूमि अधिकार प्राप्त नहीं थे, इसके बदले में उन्हें आवासीय क्षेत्रों में भू-स्वामित्व का दावा करने के लिये वास्तविक आधिपत्य पर निर्भर रहना पड़ता था।
- ग्रामीण भू-परिसंपत्ति के मालिक बिना किसी कानूनी दस्तावेज़ के बैंकों से ऋण प्राप्त करने के लिये अपनी परिसंपत्ति का उपयोग वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में नहीं कर सकते हैं।
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