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कुर्मी समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति दर्जे की मांग

  • 14 Apr 2023
  • 7 min read

हाल ही में कुर्मी समुदाय ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल करने की मांग को लेकर  बंगाल में आंदोलन शुरू किया।

पृष्ठभूमि: 

  • 1931 की जनगणना में कुर्मी को अनुसूचित जनजाति के रूप में वर्गीकृत समुदायों में शामिल नहीं किया गया था और 1950 में अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर कर दिया गया था।  
  • 2004 में झारखंड सरकार ने सिफारिश की कि समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में वर्गीकृत करने के बजाय अनुसूचित जनजाति की सूची में जोड़ा जाए।  
  • सिफारिश के बाद मामला जनजातीय अनुसंधान संस्थान (TRI) के पास गया, जिसने यह माना कि कुर्मी कुनबियों की उप-जाति है, न कि जनजाति। इसके आधार पर केंद्र ने कुर्मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति माने जाने की मांग खारिज़ कर दी। 
  • राज्य सरकार के जनजाति विकास विभाग के अनुसार, 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की जनजातीय जनसंख्या लगभग 53 लाख है, जो राज्य की कुल जनसंख्या का लगभग 5.8% है। 

अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की प्रक्रिया:  

  • किसी समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की प्रक्रिया 1999 में स्थापित प्रणाली के एक समुच्चय का अनुसरण करती है।  
  • समावेशन के प्रस्ताव के लिये संबंधित राज्य या केंद्रशासित प्रदेश सरकार को पहल करनी चाहिये, जिसे पहले जनजातीय कार्य मंत्रालय और बाद में भारत के रजिस्ट्रार जनरल (ORGI) के कार्यालय में भेजा जाता है।   
  • यदि ORGI समावेशन की मंज़ूरी देता है, तो प्रस्ताव को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को भेजा जाता है और उसकी सहमति मिलने के बाद इस प्रस्ताव को संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, वर्ष 1950 में संशोधन के लिये कैबिनेट को भेजा जाता है। 

कुर्मी समुदाय:

  • परिचय: 
    • कुर्मी एक ज़मींदार कृषक समुदाय हैं जिनकी स्थिति जगह-जगह बदलती रहती है।
    • कुर्मी को एक "प्रगतिशील किसान" माना जाता है जो क्षेत्र में उपलब्ध सभी विकास योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाते हैं।  
    • कुर्मी कई राज्यों में पाए जाते हैं जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड, गोवा और कर्नाटक शामिल हैं।
  • जातीय स्थिति:
    • अधिकांश राज्यों में कुर्मी आरक्षण के लिये केंद्र और राज्य दोनों सूचियों में OBC से संबंधित हैं।
    • गुजरात में पटेल जो कि कुर्मी से जुड़े हैं, सामान्य श्रेणी में आते हैं और OBC दर्जे की मांग कर रहे हैं।  . 
    • पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड में जहाँ कुर्मी को 'कुड़मी' लिखा जाता है, कुर्मी अनुसूचित जनजाति में शामिल होना चाहते हैं।
  • कुर्माली भाषा:  
    • कुर्माली भाषा मुख्य रूप से भारतीय राज्यों- बिहार, झारखंड और ओडिशा में कुर्मी समुदाय द्वारा बोली जाने वाली भाषा है।
    • कुर्माली भाषा इंडो-आर्यन भाषा परिवार की सदस्य है और बिहारी भाषा परिवार से संबंधित है। यह मैथिली और मगही के साथ कुछ समानताएँ साझा करती है। इसकी अपनी लिपि है जिसे "कुर्मी कुदाली" कहा जाता है जो देवनागरी लिपि का एक संशोधित संस्करण है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. प्रत्येक वर्ष कतिपय विशिष्ट समुदाय/जनजाति, पारिस्थितिक रूप से महत्त्वपूर्ण, मास-भर चलने वाले अभियान/त्योहार के दौरान फलदार वृक्षों का पौधरोपण करते हैं। निम्नलिखित में से कौन-से ऐसे समुदाय/जनजाति हैं? (2014) 

(a) भूटिया और लेप्चा
(b) गोंड और कोर्कू
(c) इरूला और तोडा
(d) सहरिया और अगरिया

उत्तर: (b) 


प्रश्न. भारत के संविधान की पाँचवीं और छठी अनुसूची में किससे संबंधित प्रावधान हैं? (2015)

(a) अनुसूचित जनजातियों के हितों की रक्षा
(b) राज्यों के बीच सीमाओं का निर्धारण
(c) पंचायतों की शक्तियों, अधिकार और ज़िम्मेदारियों का निर्धारण
(d) सभी सीमावर्ती राज्यों के हितों की रक्षा

उत्तर: (a)


प्रश्न. भारत के संविधान की किस अनुसूची के तहत खनन के लिये निजी पार्टियों को आदिवासी भूमि के हस्तांतरण को शून्य और शून्य घोषित किया जा सकता है? (2019)

(A) तीसरी अनुसूची
(B) पाँचवीं अनुसूची
(C) नौवीं अनुसूची
(D) बारहवीं अनुसूची

उत्तर: (B)


प्रश्न. यदि किसी विशिष्ट क्षेत्र को भारत के संविधान की पाँचवीं अनुसूची के अधीन लाया जाए, तो निम्नलिखित कथनों में कौन-सा एक इसके परिणाम को सर्वोत्तम रूप से दर्शाता है? (2022)

(a) इससे जनजातीय लोगों की ज़मीन गैर-जनजातीय लोगों को अंतरित करने पर रोक लगेगी।
(b) इससे उस क्षेत्र में एक स्थानीय स्वशासी निकाय का सृजन होगा।
(c) इससे वह क्षेत्र संघ राज्य क्षेत्र में बदल जाएगा।
(d) ऐसे क्षेत्रों वाले राज्य को विशेष श्रेणी का राज्य घोषित किया जाएगा।

उत्तर: (a)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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