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जलवाहक योजना

  • 18 Dec 2024
  • 2 min read

स्रोत: पी.आई.बी

हाल ही में केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री ने अंतर्देशीय जलमार्ग और माल ढुलाई को बढ़ावा देने के लिये 'जलवाहक' योजना शुरू की।

  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य अंतर्देशीय जलमार्गों की वाणिज्यिक क्षमता का दोहन करना, रसद लागत को कम करना और सड़कों और रेलमार्गों पर यातायात को आसान बनाना है।
  • प्रोत्साहन:
    • भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्ग 1, 2 और 16 पर कार्गो आवागमन के लिये परिचालन व्यय का 35% तक प्रतिपूर्ति प्रदान करता है।
    • यह निजी ऑपरेटरों के स्वामित्व वाले जहाजों को किराये पर लेने को प्रोत्साहित करता है, जिससे प्रतिस्पर्द्धा और दक्षता को बढ़ावा मिलता है।
  • आर्थिक एवं पर्यावरणीय प्रभाव:
    • इसका लक्ष्य वर्ष 2027 तक 800 मिलियन टन किलोमीटर कार्गो को शिफ्ट करना है।
    • इसका लक्ष्य जलमार्गों के माध्यम से माल की आवाजाही को 132.89 मिलियन टन (2023-24) से बढ़ाकर वर्ष 2030 तक 200 मिलियन टन और वर्ष 2047 तक 500 मिलियन टन करना है, जिससे नीली अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भर भारत पहल को समर्थन मिलेगा।
  • भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI):
    • इसकी स्थापना वर्ष 1986 में अंतर्देशीय जलमार्गों को विनियमित और विकसित करने के लिये की गई थी। 
    • भारत में नदियों, नहरों और बैकवाटर्स सहित 14,500 किलोमीटर नौगम्य जलमार्ग हैं। 
    • राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 के अंतर्गत 111 जलमार्गों (5 मौजूदा और 106 नए) को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया है।

और पढ़ें: भारत का अंतर्देशीय जल परिवहन

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