प्रारंभिक परीक्षा
जैतापुर परमाणु रिएक्टर: महाराष्ट्र
- 17 Dec 2021
- 5 min read
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के जैतापुर में छह परमाणु ऊर्जा रिएक्टर स्थापित करने के लिये सैद्धांतिक (प्रथम चरण) मंज़ूरी दे दी है।
- जैतापुर परियोजना भारत और फ्राँस के बीच रणनीतिक साझेदारी का एक प्रमुख घटक है।
परमाणु ऊर्जा
- परिचय:
- "स्थायी आधार पर देश की दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की विशाल क्षमता" होने के अलावा परमाणु ऊर्जा स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल है।
- परमाणु ऊर्जा संयंत्रों ने अब तक लगभग 755 बिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया है, जिससे लगभग 650 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन की बचत हुई है।
- नेट ज़ीरो लक्ष्य प्राप्त करने में योगदान:
- परमाणु ऊर्जा सहित विभिन्न स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों के संयोजन के माध्यम से नेट ज़ीरो लक्ष्यों को पूरा करने की उम्मीद है।
- परियोजनाओं के पूरा होने पर 6,780 मेगावाट की वर्तमान परमाणु ऊर्जा क्षमता को वर्ष 2031 तक बढ़ाकर 22,480 मेगावाट करने की उम्मीद है।
प्रमुख बिंदु:
- जैतापुर परमाणु रिएक्टर:
- जैतापुर दुनिया का सबसे शक्तिशाली परमाणु ऊर्जा संयंत्र होगा। जो 9.6 गीगावॉट की स्थापित क्षमता वाले छह अत्याधुनिक विकासवादी पावर रिएक्टर होने के साथ निम्न कार्बन बिजली का उत्पादन करेंगे।
- छह परमाणु ऊर्जा रिएक्टर, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 1,650 मेगावाट होगी, को फ्राँस के तकनीकी सहयोग से स्थापित किया जाएगा।
- यह परियोजना भारत और फ्रांस के बीच कम कार्बन भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता की मज़बूत साझेदारी को मूर्त रूप देगी और हज़ारों स्थानीय नौकरियों के साथ महाराष्ट्र को सीधे लाभ पहुँचाएगी।
- जैतापुर दुनिया का सबसे शक्तिशाली परमाणु ऊर्जा संयंत्र होगा। जो 9.6 गीगावॉट की स्थापित क्षमता वाले छह अत्याधुनिक विकासवादी पावर रिएक्टर होने के साथ निम्न कार्बन बिजली का उत्पादन करेंगे।
- भारत में परमाणु ऊर्जा की स्थिति:
- भारत बिजली उत्पादन के उद्देश्य से परमाणु ऊर्जा के दोहन की संभावना का पता लगाने के लिये सचेत रूप से आगे बढ़ा है।
- इस दिशा में 1950 के दशक में होमी भाभा द्वारा त्रिस्तरीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम तैयार किया गया था।
- परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 को दो प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तत्त्वों यूरेनियम और थोरियम के उपयोग के निर्धारित उद्देश्यों के साथ तैयार तथा कार्यान्वित किया गया था।
- परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से उत्पादन बढ़ाने के लिये किये गए अन्य उपाय:
- 10 स्वदेशी 700 मेगावाट ‘भारी जल दाबित रिएक्टरों’ (PHWR) के लिये प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति।
- ‘भारी जल दाबित रिएक्टर’ एक परमाणु ऊर्जा रिएक्टर है, जो आमतौर पर अपने ईंधन के रूप में प्राकृतिक यूरेनियम का उपयोग करता है। यह अपने शीतलक और मंदक के रूप में भारी जल (ड्यूटेरियम ऑक्साइड- D2O) का उपयोग करता है।
- वर्तमान में भारत में 6780 इलेक्ट्रिक मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ 22 परमाणु ऊर्जा रिएक्टर संचालित हैं।
- इसमें से 18 रिएक्टरों में ‘भारी जल दाबित रिएक्टर’ (PHWRs) और चार ‘हल्के जलयुक्त रिएक्टर’ (LWRs) हैं।
- परमाणु ऊर्जा अधिनियम 1962 में भी संशोधन किया गया है, ताकि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के संयुक्त उपक्रमों को परमाणु ऊर्जा परियोजनाएँ स्थापित करने में सक्षम बनाया जा सके।
- 10 स्वदेशी 700 मेगावाट ‘भारी जल दाबित रिएक्टरों’ (PHWR) के लिये प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति।
वर्तमान में संचालित परमाणु ऊर्जा संयंत्र |
निर्माणाधीन परमाणु ऊर्जा संयंत्र |
नियोजित परमाणु ऊर्जा संयंत्र |
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