INS सिंधुध्वज | 20 Jul 2022
हाल ही में भारतीय नौसेना ने 35 साल तक सेवा में रहने के बाद 'किलो क्लास पनडुब्बी' (Kilo class submarine) INS सिंधुध्वज को विशाखापत्तनम में सेवा से मुक्त कर दिया।
- वर्तमान में नौसेना के साथ सेवा में शामिल केवल 15 पारंपरिक पनडुब्बियाँ हैं।
INS सिंधुध्वज की मुख्य विशेषताएँ:
- परिचय:
- इसे जून 1987 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
- यह 10 ‘किलो क्लास पनडुब्बियों’ में से एक थी, जिसे भारत ने वर्ष 1986 और 2000 के बीच रूस (पूर्व सोवियत संघ सहित) से खरीदा था।
- इस पनडुब्बी को इस बात का श्रेय जाता है क्योंकि इसने कई चीजे पहली बार कीं, जैसे- स्वदेशी सोनार USHUS, स्वदेशी उपग्रह संचार प्रणाली रुक्मणी और MSS, जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली और स्वदेशी टॉरपीडो फायर कंट्रोल सिस्टम का परिचालन इसी पर हुआ था।
- सिंधुध्वज ने डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल और कार्मिक स्थानांतरण का काम भी सफलतापूर्वक किया था।
- यह एकमात्र पनडुब्बी थी जिसे प्रधानमंत्री द्वारा नवाचार के लिये रोलिंग ट्रॉफी से सम्मानित किया गया था।
वर्तमान परिदृश्य:
- भारतीय नौसेना के बेड़े में अब सात रूसी किलो क्लास पनडुब्बियाँ, चार जर्मन HDW पनडुब्बियाँ, चार फ्राँसीसी स्कॉर्पीन पनडुब्बियाँ और स्वदेशी परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी INS अरिहंत शामिल हैं।
- इसके अलावा स्कॉर्पीन श्रेणी की अंतिम दो पनडुब्बियाँ परीक्षण और आउटफिटिंग के विभिन्न चरणों में हैं।
- प्रोजेक्ट-75I के तहत छह उन्नत पनडुब्बियों का निर्माण कार्य जारी है लेकिन इसमें देरी हो रही है।
- प्रोजेक्ट-75I में अत्याधुनिक एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन सिस्टम से लैस पनडुब्बियों के स्वदेशी निर्माण की परिकल्पना की गई है, जिसकी अनुमानित लागत 43,000 करोड़ रुपए है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न:प्रश्न. हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: b व्याख्या:
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