आईएनएस शिवाजी | 23 Mar 2022

हाल ही में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने आईएनएस शिवाजी को समुद्री इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र (CoE) के रूप में मान्यता दी है।

  • उत्कृष्टता केंद्र के रूप में आईएनएस शिवाजी को समुद्री इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र (CoE) के रूप में मान्यता किसी भी सैन्य संगठन के लिये अपनी तरह का पहला है और यह कौशल एवं प्रौद्योगिकी विकास के लिये आईएनएस शिवाजी की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

आईएनएस शिवाजी:

  • आईएनएस शिवाजी लोनावाला, महाराष्ट्र में एक भारतीय नौसेना स्टेशन है।
  • इसमें नेवल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग है, जो भारतीय नौसेना और तटरक्षक अधिकारियों को शिक्षित और प्रशिक्षित करता है।
  • इसकी तीन प्रमुख प्रशिक्षण संस्थाएँ हैं- सेंटर ऑफ मरीन इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (CMET), सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन मरीन इंजीनियरिंग और स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज़।
  • न्यूक्लियर बायोलॉजिकल केमिकल डिफेंस स्कूल (Nuclear Biological Chemical Defence School-NBCD), जो NBCD के सभी पहलुओं पर नौसेनाकर्मियों को प्रशिक्षित करता है, भी स्टेशन में स्थित है।
  • नौसेना स्टेशन को फरवरी 1945 में एचएमआईएस (His Majesty's Indian Ship) शिवाजी के रूप में शामिल किया गया था।
  • आईएनएस शिवाजी का उत्कृष्टता केंद्र (समुद्री इंजीनियरिंग) 2014 में एक व्यापक जनादेश के साथ स्थापित किया गया था, जिसमें नौसैनिक अनुप्रयोगों हेतु विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को शामिल करना, उच्च प्रतिष्ठा के अनुसंधान एवं विकास और शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से गुणवत्ता अनुसंधान शामिल था। 
  • इसका लक्ष्य भारतीय नौसेना, अनुकूल विदेशी नौसेनाओं और पूरे ईकोसिस्टम में कर्मियों के कौशल में बड़े पैमाने पर सुधार करना था।

उत्कृष्टता केंद्र (CoE):

  • उत्कृष्टता केंद्र (Center Of Excellence- CoE) एक ऐसा निकाय है जो एक विशिष्ट क्षेत्र/क्षेत्रों के लिये नेतृत्व, सर्वोत्तम अभ्यास, अनुसंधान, सहायता, प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण और कौशल प्रशिक्षण प्रदान करता है।
  • ‘उत्कृष्टता केंद्र’ का शाब्दिक अर्थ है- 'एक ऐसा स्थान जहाँ उच्चतम मानकों को बनाए रखा जाता है।'
  • कौशल विकास एवं उद्यमिता हेतु राष्ट्रीय नीति, 2015 के अनुसार, यह निर्णय लिया गया था कि राष्ट्रीय कौशल विश्वविद्यालयों और संस्थानों को राज्यों के साथ साझेदारी में कौशल विकास व प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु उत्कृष्टता केंद्रों के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा।
  • कौशल पारिस्थितिकी तंत्र में उत्कृष्टता केंद्र को प्रशिक्षण मानकों को बढ़ाने, उत्पादकता को बढ़ावा देने, उभरते कौशल अंतराल को दूर करने और उद्योग की ज़रूरतों के साथ प्रशिक्षण एवं अनुसंधान को संरेखित करने हेतु उद्योग के साथ साझेदारी में वन-स्टॉप संसाधन केंद्र के रूप में स्थपित किया जाता है।
  • कौशल मांग एवं आपूर्ति के बीच असंतुलन को दूर करने के उद्देश्य से कुशल कार्यबल की निरंतर आपूर्ति और सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रसार करने हेतु "उत्कृष्टता केंद्रों" को कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) द्वारा मान्यता प्रदान करने का प्रस्ताव है।
  • यह पहल ऐसे निकायों को स्किलिंग डोमेन और संबद्ध क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में संलग्न प्रमुख उभरते क्षेत्रों में कार्य करने के लिये प्रोत्साहित करेगी जहाँ पहले से ही ज्ञान की कमी या कौशल का अभाव है, ताकि उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जा सके।

MSDE की कुछ प्रमुख पहलें

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs):

जनसांख्यिकीय लाभांश का पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिये भारत को क्या करना चाहिये? (2013)

(a) कौशल विकास को बढ़ावा देना
(b) अधिक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को शुरू करना
(c) शिशु मृत्यु दर में कमी
(d) उच्च शिक्षा का निजीकरण

उत्तर: (a)

स्रोत: पी.आई.बी.