INS अरिघाट | 31 Aug 2024

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया 

हाल ही में भारत ने उन्नत प्रौद्योगिकी पोत (ATV) परियोजना के तहत निर्मित अपनी दूसरी परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी (SSBN), INS अरिघाट (S-3) को नौसेना में शामिल किया।

  • INS अरिघाट अपने पूर्ववर्ती INS अरिहंत के साथ नौसेना में शामिल किया जाएगा जो वर्ष 2018 में पूर्ण रूप से क्रियाशील हुआ था। इसका उद्देश्य देश की 'न्‍यूक्‍लीयर ट्रायड' (जल, थल और वायु से परमाणु हथियार दागने की क्षमता) को और अधिक सुदृढ़ करना है।
    • आकार और विस्थापन में INS अरिहंत के समान होने के पश्चात् भी INS अरिघाट अधिक K-15 मिसाइलों का वहन कर सकता है।
    • शक्ति: इसमें रूसी सहायता से विकसित 83 मेगावाट के प्रेशराइज़्ड लाइट-वाटर रिएक्टर शामिल हैं।
    • अरिघाट में चार बड़े वर्टिकल लॉन्च सिस्टम (VLS) ट्यूब हैं जो सागरिका SLBM (K-15) का वहन करेंगे। सागरिका एक हाइब्रिड प्रणोदन, दो-चरण, ठोस-प्रणोदक मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 700 किमी. से अधिक है।
  • अन्य विकास: तीसरी पनडुब्बी INS अरिदमन (7,000 टन भार का जहाज़) जो 3,500 किलोमीटर मारक क्षमता वाली K-4 मिसाइलों का वहन करने में सक्षम है, अगले वर्ष नौसेना में शामिल की जाएगी।
  • SSBN का तात्पर्य "जहाज़, पनडुब्बी, बैलिस्टिक, परमाणु" (Ship, Submersible, Ballistic, Nuclear) है और यह एक प्रकार की पनडुब्बी को संदर्भित करता है जो परमाणु-युक्त बैलिस्टिक मिसाइलों का वहन करती है।
    • चूँकि SSBN का पता लगाना कठिन है और दुश्मन द्वारा अचानक पहला हमला करने पर वे जवाबी हमला कर सकते हैं, इसलिये शक्ति संतुलन की दृष्टि से यह आवश्यक हैं।

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