भारतीय मौसम विज्ञान विभाग | 29 Dec 2023
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) को हाल ही में देश को मौसम और जलवायु सेवाएँ प्रदान करने के 150वें वर्ष की शुरुआत से पहले एक नया लोगो मिला है।
- नारंगी और हरे रंग के मिश्रण में नया लोगो, वर्तमान लोगो के साथ अंकित संख्यात्मक 150 को दर्शाता है जो भारतीय मानसूनी हवाओं को भारत के ऊपर से गुजरते हुए दिखाया गया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग क्या है?
- परिचय:
- IMD की स्थापना 1875 में हुई थी। यह देश की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सेवा है और मौसम विज्ञान एवं संबद्ध विषयों से संबंधित सभी मामलों में प्रमुख सरकारी एजेंसी है।
- यह भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक एजेंसी के रूप में कार्य करती है।
- IMD विश्व मौसम विज्ञान संगठन के छह क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्रों में से एक है।
- नियम और दायित्व:
- कृषि, सिंचाई, नौवहन, विमानन, अपतटीय तेल अन्वेषण आदि जैसी मौसम-संवेदनशील गतिविधियों के इष्टतम संचालन के लिये मौसम संबंधी अवलोकन करना और वर्तमान एवं पूर्वानुमानित मौसम संबंधी जानकारी प्रदान करना।
- उष्णकटिबंधीय चक्रवात, नॉर्थवेस्टर, धूल भरी आँधी, भारी बारिश और बर्फ, ठंड तथा ग्रीष्म लहरें आदि जैसी गंभीर मौसम की घटनाओं, जो जीवन एवं संपत्ति के विनाश का कारण बनती हैं, के प्रति चेतावनी देना।
- कृषि, जल संसाधन प्रबंधन, उद्योगों, तेल की खोज और अन्य राष्ट्र-निर्माण गतिविधियों के लिये आवश्यक मौसम संबंधी आँकड़े प्रदान करना।
- मौसम विज्ञान और संबद्ध विषयों में अनुसंधान का संचालन एवं प्रचार करना।
नोट: मौसम विज्ञान, पृथ्वी के वायुमंडल का वैज्ञानिक अध्ययन है, जो मौसम के प्रारूप, वायुमंडलीय घटनाओं तथा जलवायु को समझने और इनके पूर्वानुमान करने पर केंद्रित है।
- इसमें मौसम पूर्वानुमान करने के साथ ही पृथ्वी की वायुमंडलीय प्रणाली को संचालित करने वाली प्रक्रियाओं का अध्ययन करने के लिये तापमान, आर्द्रता, वायु दाब, पवन एवं वर्षण जैसी वायुमंडलीय स्थितियों का विश्लेषण करना शामिल है।
भारत में मौसम विज्ञान से संबंधित प्रमुख पहल कौन-सी हैं?
- राष्ट्रीय मानसून मिशन (NMM): भारत सरकार ने विभिन्न समय के आधार पर मानसूनी वर्षा के लिये एक अत्याधुनिक गतिशील पूर्वानुमान प्रणाली विकसित करने की दृष्टि से वर्ष 2012 में NMM लॉन्च किया था।
- मौसम ऐप: यह मौसम की सूचनाओं और चेतावनियों को आकर्षक एवं उपयोगकर्त्ता के अनुकूल तरीके से प्रसारित करने का माध्यम है।
- डॉपलर मौसम रडार: डॉपलर सिद्धांत के आधार पर, रडार को एक परवलयिक डिश एंटीना के साथ
- एक फोम सैंडविच गोलाकार रेडोम का उपयोग करके लंबी दूरी के मौसम पूर्वानुमान एवं निगरानी में सटीकता में सुधार करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- DWR वर्षा की तीव्रता, पवन एवं वेग को मापने के साथ तूफान के केंद्र और बवंडर की दिशा ज्ञात करने के लिये एक उपकरण हैं।