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G-20 नेताओं को समृद्ध शिल्प से परिपूर्ण भारतीय उपहार

  • 14 Sep 2023
  • 6 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

हाल ही में दिल्ली में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन 2023 ने विश्व के देशों के लिये हस्तनिर्मित उपहारों के क्यूरेटेड चयन के माध्यम से भारत की समृद्ध परंपराओं और सांस्कृतिक विविधता का अनुभव कराने हेतु एक मंच के रूप में कार्य किया।

  • इन उपहारों में भारत की सांस्कृतिक और शिल्प विरासत को प्रदर्शित करने वाली विभिन्न क्षेत्रों की विभिन्न प्रकार की हस्तनिर्मित वस्तुएँ शामिल थीं।

देशों को दिये गए उपहार:

  • संदूक (Chest):
    • सभी उपहार की वस्तुओं को पीतल जड़ित संदूक (Chest) में कुशलतापूर्वक पैक किया गया था।
    • यह संदूक शीशम (भारतीय शीशम) का उपयोग कर हाथ से बनाया गया था, जो टिकाऊ होता है और अपने विशिष्ट ग्रेन पैटर्न के लिये जाना जाता है।

  • सुगंधित पाक वस्तुएँ:
    • उपहार में जम्मू-कश्मीर के केसर का एक पैकेट भी शामिल था, जो अपने पाक और औषधीय गुणों के लिये विश्व के सबसे महँगे मसाले के रूप में प्रसिद्ध है।-
  • शैंपेन ऑफ टी:
    • भारत में पेको दार्जिलिंग (जिसे शैंपेन ऑफ टी भी कहा जाता है) और नीलगिरि चाय की खेती के रूप में चाय उत्पादन की लंबी परंपरा रही है, यह चाय उत्पादन के क्षेत्र में भारत की कृषि प्रणाली का आदर्श प्रतीक है।
      • दार्जिलिंग चाय विश्व की सबसे मूल्यवान चाय है, जो पश्चिम बंगाल की धुंध भरी पहाड़ियों पर 3,000-5,000 फीट की ऊँचाई पर उगाई जाती है। यहाँ की मृदा की अनोखी विशिष्टता अत्यधिक सुगंध और स्फूर्तिदायक चाय के रूप में प्रतिबिंबित होती है।
      • नीलगिरि चाय दक्षिण भारत की सबसे शानदार पर्वत शृंखला से आती है। 1,000-3,000 फीट की ऊँचाई पर पहाड़ों के हरे-भरे इलाके के बीच उगाई जाने वाली चाय अपेक्षाकृत हल्की होती है।

  • अराकू कॉफी:
    • अराकू कॉफी विश्व की पहली टेरोइर-मैप्ड कॉफी है, जो आंध्र प्रदेश की अराकू घाटी में जैविक और सतत् वृक्षारोपण के माध्यम से उगाई जाती है।
    • किसान छोटे खेतों में हाथ से कार्य करते हैं और मशीनों या रसायनों के उपयोग के बिना प्राकृतिक रूप से कॉफी उगाते हैं।
  • सुंदरबन का पारंपरिक शहद:
    • बंगाल की खाड़ी में स्थित विश्व के सबसे बड़े मैंग्रोव वन, सुंदरबन से पारंपरिक शहद संग्राहकों द्वारा एकत्रित किया गया एक विशेष शहद भी इसमें शामिल है।
    • 100% प्राकृतिक और शुद्ध होने के साथ ही सुंदरबन से लाए गए शहद में फ्लेवोनोइड्स (कई फलों एवं सब्जियों में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले विभिन्न यौगिक) की मात्रा भी अधिक होती है तथा यह बहुमूल्य स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।

  • कन्नौज का इत्र: 
    • उत्तर प्रदेश के कन्नौज के ज़िघ्राना इत्र ने उपहारों में एक संवेदी आयाम जोड़ते हुए उत्तम इत्र तैयार करने की भारत की सदियों पुरानी परंपरा को प्रदर्शित किया।

  • कश्मीर के उत्कृष्ट शॉल: 
    • उपहार पैकेज में चांगथांगी बकरी के ऊन से निर्मित कश्मीरी पश्मीना शॉल भी शामिल था, यह बकरी समुद्र तल से 14,000 फीट की ऊँचाई वाले क्षेत्र में पाई जाती है।
    • इस बकरी के अंडरकोट/रोम में कंघी करके (कतरकर नहीं) ऊन एकत्रित किया जाता है।
  • खादी स्कार्फ:
    • राजघाट की यात्रा के दौरान प्रत्येक नेता को व्यक्तिगत रूप से भेंट किया गया खादी दुपट्टे का अपना विशेष प्रतीकात्मक महत्त्व है।
    • खादी, भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी उत्पत्ति और स्थायी फैशन के प्रतीक के रूप में विकसित होने के साथ उच्च गुणवत्ता एवं पर्यावरण के प्रति जागरूकता का प्रतीक है।
  • स्मारक सिक्के और टिकट:
    • जुलाई 2023 में भारत के प्रधानमंत्री ने भारत मंडपम के उद्घाटन के दौरान भारत की G20 प्रेसीडेंसी की स्मृति में विशेष सिक्के और टिकट जारी किये।
    • 'ये डिज़ाइन भारत के G20 लोगो और 'वसुधैव कुटुंबकम' की थीम से प्रेरित थे।
    • G20 प्रेसीडेंसी के लोगो की भाँति G20 सम्मेलन में प्रस्तुत सुनहले डाक टिकटों में भी भारत के राष्ट्रीय फूल कमल को दर्शाया गया है।
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