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फिलिस्तीनी शरणार्थियों हेतु भारत की सहायता

  • 18 Jul 2024
  • 2 min read

स्रोत: बिज़नेस स्टैंडर्ड

हाल ही में भारत ने वर्ष 2024-25 के लिये 5 मिलियन अमेरीकी डॉलर के अपने वार्षिक योगदान के हिस्से के रूप में नियर ईस्ट (पूर्वी भूमध्य सागर के चरों ओर का पारमहाद्वीपीय क्षेत्र) में स्थित फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिये संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (United Nations Relief and Works Agency- UNRWA) को 2.5 मिलियन अमेरीकी डॉलर की पहली किस्त जारी की।

  • UNRWA वर्ष 1950 से पंजीकृत फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिये प्रत्यक्ष राहत और कार्य कार्यक्रम का संचालन कर रहा है तथा साथ ही गाज़ा में इज़रायल-हमास युद्ध के बीच भी क्रियाशील रहने हेतु प्रयासरत है।
  • भारत ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिये शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, राहत एवं सामाजिक सेवाओं सहित UNRWA के मुख्य कार्यक्रमों व सेवाओं हेतु अभी तक (2023-24) तक कुल 35 मिलियन अमेरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान की है।

संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (UNRWA):

  • इसकी स्थापना वर्ष 1948 में हुए अरब-इज़रायल युद्ध के उपरांत संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 1949 में की गई थी।
  • इसका उद्देश्य 1948 के अरब-इज़रायल संघर्ष के कारण विस्थापित हुए फिलिस्तीनी शरणार्थियों और उनके परिवारों को सहायता तथा सुरक्षा प्रदान करना है।
  • इसका संचालन गाज़ा, वेस्ट बैंक, लेबनान, सीरिया और जॉर्डन जैसे क्षेत्रों में है।
  • यह लगभग पूर्ण रूप से संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के स्वैच्छिक योगदान दवरा वित्तपोषित है।
  • UNRWA को प्रदत्त भारत की वित्तीय सहायता के अतिरिक्त वह एजेंसी के विशिष्ट अनुरोध के आधार पर फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिये औषधियाँ भी उपलब्ध कराएगा। 

और पढ़ें: इज़रायल-हमास संघर्ष और इसका वैश्विक प्रभाव

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