प्रारंभिक परीक्षा
रक्षा और परमाणु सहयोग में भारत-अमेरिका पहल
- 11 Jan 2025
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स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भारत का दौरा किया और प्रौद्योगिकी एवं रक्षा जैसे क्षेत्रों में नवीन पहलों पर हस्ताक्षर किये।
भारत और अमेरिका के बीच किन नवीन पहलों पर हस्ताक्षर हुए हैं?
- असैन्य परमाणु सहयोग: अमेरिका ने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को लागू करने के लिये भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) जैसी भारतीय परमाणु संस्थाओं पर अमेरिकी परमाणु रिएक्टरों की आपूर्ति जैसे प्रतिबंध हटाने की घोषणा की।
- सोनोबॉय सह-निर्माण: इसका उद्देश्य भारतीय नौसेना की जल के भीतर खतरे का पता लगाने की क्षमताओं को बढ़ाना है, विशेष रूप से पनडुब्बियों और अन्य शत्रुतापूर्ण जल के भीतर की वस्तुओं का पता लगाने में।
- मिसाईल निर्यात नियंत्रण: अमेरिकी NSA ने भारत को MTCR के अंतर्गत मिसाईल निर्यात नियंत्रण के अद्यतन, अंतरिक्ष सहयोग को बढ़ाने और सहयोग के नए अवसर सृजित करने के बारे में जानकारी दी।
- भारत वर्ष 2016 में MTCR का सदस्य बना।
- ICET की उन्नति: दोनों देशों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग, दूरसंचार और अंतरिक्ष जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग की पुष्टि की।
नोट:
भारत और अमेरिका ने कमज़ोर समुदायों को 'कट्टरपंथ से मुक्त' करके आतंकवाद पर अंकुश लगाने का निर्णय लिया।
सोनोब्वाॅय क्या हैं?
- परिचय: सोनोब्वाॅय एक्सपेंडेबल, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल साउंड सेंसर हैं, जिसे जहाज़ों और पनडुब्बियों से जल के नीचे की आवाज़ों का पता लगाने और ट्रैक करने के लिये डिज़ाईन किया गया है।
- इसका उपयोग मुख्यतः पनडुब्बी रोधी संघर्ष (ASW) में किया जाता है।
- कार्यप्रणाली: इन्हें कनस्तरों में डाला जाता है, जो जल से टकराने पर सक्रिय हो जाते हैं, तथा सतह पर रेडियो ट्रांसमीटर समेत एक इन्फ्लेटेबल प्रणाली तैनात कर देते हैं।
- ये लगभग 24 घंटे तक सक्रिय रहते हैं तथा केवल एक बार कार्य करने के लिये डिज़ाइन किये गए हैं।
- संचार: जल की सतह पर स्थित इन्फ्लेटेबल प्रणाली सोनोब्वाॅय पर नज़र रखने वाले जहाज़ या विमान के साथ संचार बनाए रखती है।
भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु सहयोग समझौता
- परिचय: इसे 123 समझौते के रूप में भी जाना जाता है, यह भारत को ऊर्जा उत्पादन जैसे शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिये परमाणु ईंधन, प्रौद्योगिकी और रिएक्टरों तक पहुँच प्रदान करता है, भले ही भारत परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षरकर्त्ता नहीं है।
- प्रमुख घटक: भारत ने परमाणु सामग्री के शांतिपूर्ण उपयोग को सुनिश्चित करने के लिये अपनी असैन्य परमाणु सुविधाओं को IAEA सुरक्षा उपायों के अंतर्गत रखने पर सहमति व्यक्त की।
- अमेरिका ने भारत के विस्तारित होते शांतिपूर्ण परमाणु क्षेत्र के साथ व्यापार को सक्षम बनाने के लिये NSG से छूट मांगी।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्सप्रश्न 1. भारत में, क्यों कुछ परमाणु रिएक्टर “ आई.ए.ई.ए. सुरक्षा उपायों" के अधीन रखे जाते हैं जबकि अन्य इस सुरक्षा के अधीन नहीं रखे जाते ? (2020)
उत्तर: (b) प्रश्न 2: भारत के संदर्भ में 'अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आई.ए.ई.ए.)' के 'अतिरिक्त नयाचार (एडीशनल प्रोटोकॉल)' का अनुसमर्थन करने का निहितार्थ क्या है? (2018)
उत्तर: (a) |