प्रारंभिक परीक्षा
इक्की जथरे
- 17 Dec 2022
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हाल ही में केरल के एक संगठन थानाल ने जनजातीय भाषा में इक्की जथरे या चावल के त्योहार का शुभारंभ किया, जिसके तहत पनावली, वायनाड में पारंपरिक चावल की 300 जलवायु-प्रतिरोधी किस्मों को लगाया गया।
- थानाल ने वर्ष 2009 में हमारे चावल बचाओ अभियान के तहत पनावली में चावल विविधता ब्लॉक (Rice Diversity Block- RDB) की शुरुआत की, जिसमें चावल की 30 किस्में शामिल थीं, जो अब बढ़कर 300 हो गई हैं।
इक्की जथरे:
- इस पहल का उद्देश्य लोगों को उन पारंपरिक फसलों के संरक्षण के महत्त्व के प्रति संवेदनशील बनाना है जो कठोर जलवायु परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता रखती हैं।
- त्योहार ज्ञान साझा करने और जनजातीय किसानों एवं विशेषज्ञों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान के लिये भी मंच तैयार करता है।
- RDB के लिये अधिकांश किस्मों को केरल, कर्नाटक, असम, तमिलनाडु, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल से एकत्र किया गया था।
- इसके अलावा वियतनाम और थाईलैंड के चावल की तीन पारंपरिक किस्में भी हैं।
हमारा चावल बचाओ अभियान:
- परिचय:
- हमारा चावल बचाओ अभियान विविध चावल संस्कृतियों, ज्ञान की रक्षा और खाद्य संप्रभुता सुनिश्चित करने के लिये एक जन आंदोलन है।
- भारत में यह वर्ष 2004 में शुरू हुआ और समुदायों को स्थायी खाद्य सुरक्षा एवं आजीविका का निर्माण करने के लिये सशक्त बनाता है।
- कार्य:
- सामुदायिक RDB और बीज बैंकों की स्थापना करना, धान के बीज की स्वदेशी किस्मों का संरक्षण एवं प्रचार करना।
- शहरी उपभोक्ताओं के बीच चावल विविधता के मूल्य के बारे में जागरूकता पैदा करना।
- चावल के पारिस्थितिक तंत्र में कृषि-पारिस्थितिक खेती को अपनाने की सुविधा देना और किसानों, राज्यों एवं स्थानीय सरकारों को स्वदेशी बीज अपनाने के लिये प्रोत्साहित करना।
- स्वदेशी बीजों और कृषि पारिस्थितिक खेती के बारे में मीडिया में सक्रिय चर्चाओं को सक्षम बनाना।
चावल:
- चावल भारत की अधिकांश आबादी का मुख्य भोजन है।
- यह एक खरीफ की फसल है जिसे उगाने के लिये उच्च तापमान (25°C से अधिक तापमान) तथा उच्च आर्द्रता (100 सेमी. से अधिक वर्षा) की आवश्यकता होती है।
- कम वर्षा वाले क्षेत्रों में धान की फसल के लिये सिंचाई की आवश्यकता होती है।
- दक्षिणी राज्यों और पश्चिम बंगाल में जलवायु परिस्थितियों की अनुकूलता के कारण चावल की दो या तीन फसलों का उत्पादन किया जाता है।
- पश्चिम बंगाल के किसान चावल की तीन फसलों का उत्पादन करते हैं जिन्हें 'औस', 'अमन और 'बोरो' कहा जाता है।
- भारत में कुल फसली क्षेत्र का लगभग एक-चौथाई चावल की खेती के अंतर्गत आता है।
- प्रमुख उत्पादक राज्य: पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और पंजाब।
- अधिक उपज देने वाले राज्य: पंजाब, तमिलनाडु, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और केरल।
- भारत चीन के बाद चावल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न. भारत में पिछले पांँच वर्षों में खरीफ फसलों की खेती के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं? (a) केवल 1 और 3 उत्तर: (a) अतः कथन 1 और 3 सही हैं तथा कथन 2 एवं 4 सही नहीं हैं। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है। प्रश्न. निम्नलिखित फसलों पर विचार कीजिये: (2013)
उपर्युक्त में से कौन-सी खरीफ फसलें हैं? प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन पिछले पांँच वर्षों में विश्व में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक रहा है? (2019) प्रश्न. कृषि की “धान गहनता प्रणाली”, जिसमें धान के खेतों का बारी-बारी से क्लेदन और शुष्कन किया जाता है, का क्या परिणाम होता है? ( 2022)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) प्रश्न. निम्नलिखित फसलों में से कौन सी एक मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड दोनों का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मानावोद्भवी स्रोत है? (2022) (a) कपास उत्तर: (b) |
स्रोत: द हिंदू