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सौर परियोजना में IFC का निवेश

  • 18 Jun 2024
  • 2 min read

स्रोत: लाइव मिंट 

हाल ही में विश्व बैंक की निजी क्षेत्रीय ऋण शाखा, अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC) ने राजस्थान में 550 मेगावाट पीक (MWp) सौर ऊर्जा परियोजना के आंशिक वित्तपोषण के लिये 105 मिलियन अमेरिकी डॉलर उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

  • MWp का तात्पर्य सौर या पवन ऊर्जा परियोजना का अधिकतम विद्युत उत्पादन क्षमता से है जो पवन की गति और सूर्य के प्रकाश के सामर्थ्य के आधार पर भिन्न-भिन्न होती है।
  • इस निवेश का उद्देश्य दीर्घकालिक ऊर्जा अनुबंधों के माध्यम से संपूर्ण भारत में व्यवसायों और उद्योगों को सौर विद्युत के लिये सस्ती कीमतें उपलब्ध कराना है। इससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के भारत के प्रयासों को समर्थन मिलेगा।
  • भारत सरकार ने वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा (RE) क्षमता हासिल करने की महत्त्वाकांक्षी योजना बनाई है, जिससे ऊर्जा संक्रमण क्षेत्र के निवेश में वृद्धि होगी।
  • विश्व बैंक की स्थापना वर्ष 1944 में IMF के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) के रूप में की गई थी। IBRD ही बाद में विश्व बैंक बना
    • IFC विकासशील देशों में निजी क्षेत्र पर केंद्रित सबसे बड़ी वैश्विक विकास संस्था होने का दावा करती है। IFC यह भी सुनिश्चित करना चाहती है कि विकासशील देशों में निजी उद्यमों को बाज़ार और वित्तपोषण तक पहुँच प्राप्त हो।

और पढ़ें: नवीकरणीय ऊर्जा, विश्व बैंक

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