रैपिड फायर
हाइब्रिड एंड नॉन-काइनेटिक वारफेयर
- 23 Oct 2024
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स्रोत: द हिंदू
हाल ही में रक्षा संबंधी संसदीय स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee on Defence- PSCoD) ने हाइब्रिड वारफेयर के लिये भारतीय सशस्त्र बलों की तैयारियों पर जोर दिया है।
- हाइब्रिड वारफेयर से तात्पर्य पारंपरिक सैन्य रणनीति (काइनेटिक वारफेयर) और आधुनिक रणनीतियों जैसे साइबर युद्ध, सूचना हेरफेर, आर्थिक व्यवधान और मनोवैज्ञानिक संचालन (नॉन-काइनेटिक वारफेयर) के संयोजन से है।
- नॉन-काइनेटिक विधियाँ पारंपरिक युद्ध की तुलना में अधिक घातक हो सकती हैं, जैसे लेबनान में पेजर विस्फोट।
- नॉन-काइनेटिक वारफेयर/गैर-गतिज युद्ध में ड्रोन को भौतिक रूप से मार गिराने (काइनेटिक वारफेयर) के बजाय ड्रोन संचालन को बाधित करने के लिये जैमिंग, लेजर या विद्युत चुंबकीय तरंगों का उपयोग करना शामिल है।
- तीनों सेनाओं का "भविष्य का युद्ध" पाठ्यक्रम मेजर जनरल से लेकर मेजर (और उनके समकक्ष) अधिकारियों को काइनेटिक और नॉन-काइनेटिक दोनों प्रकार की आधुनिक युद्ध तकनीकों में प्रशिक्षित करने के लिये तैयार किया गया है ।
- इसका आयोजन हाल ही में एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय (Headquarters Integrated Defence Staff) द्वारा किया गया था ।
- भारतीय सेना 2024 को प्रौद्योगिकी अवशोषण वर्ष के रूप में मना रही है, जिसमें मौजूदा विरासत प्रणालियों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, हाइपरसोनिक हथियार, जैव प्रौद्योगिकी और क्वांटम प्रौद्योगिकी जैसी विघटनकारी प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा ।
- PSCoD एक विभाग-संबंधित स्थायी समिति (Departmentally-Related Standing Committees- DRSC) है और लोकसभा के अधीन कार्य करती है ।
- समिति में 31 सदस्य हैं, जिनमें से 21 लोकसभा से और 10 राज्यसभा से हैं। लोकसभा के सदस्यों को अध्यक्ष द्वारा और राज्यसभा के सदस्यों को सभापति द्वारा नामित किया जाता है ।
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