हूलोंगापार गिब्बन अभयारण्य | 04 Sep 2023
स्रोत: द हिंदू
प्राइमेटोलॉजिस्ट्स ने 1.65 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक का मार्ग बदलने का प्रस्ताव दिया है जो पूर्वी असम में हूलोंगापार गिब्बन अभयारण्य को दो असमान हिस्सों में विभाजित करता है। इस अभयारण्य में पश्चिमी हूलॉक गिब्बन पाए जाते हैं।
हूलॉक गिब्बन के विषय में मुख्य तथ्य:
- परिचय:
- गिब्बन दक्षिण-पूर्व एशिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जंगलों में पाए जाते हैं तथा इन्हें सभी वानरों में सबसे छोटे एवं समझदार वानरों के रूप में भी जाना जाता है।
- इनमें अन्य वानरों के समान तीष्ण बुद्धि, विशिष्ट व्यक्तित्व और मज़बूत पारिवारिक बंधन होते हैं।
- ये विश्व भर में पाई जाने वाली 20 गिब्बन प्रजातियों में से एक का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- हूलॉक गिब्बन भारत की एकमात्र वानर प्रजाति है।
- भारत में गिब्बन प्रजातियाँ:
- पश्चिमी हूलॉक गिब्बन (Hoolock hoolock):
- ये पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिण और दिबांग नदी के पूर्व क्षेत्र के बीच सीमित हैं। भारत के बाहर यह पूर्वी बांग्लादेश तथा उत्तर-पश्चिम म्याँमार में पाया जाता है।
- IUCN रेड लिस्ट: संकटग्रस्त
- पूर्वी हूलॉक गिब्बन (Hoolock leuconedys):
- यह भारत में अरुणाचल प्रदेश और असम के विशिष्ट इलाकों में और भारत के बाहर दक्षिणी चीन तथा उत्तर-पूर्व म्याँमार में पाया जाता है।
- IUCN लाल सूची: असुरक्षित
- भारत में दोनों प्रजातियाँ भारतीय (वन्यजीव) संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची 1 में सूचीबद्ध हैं।
- पश्चिमी हूलॉक गिब्बन (Hoolock hoolock):
- विशेषताएँ:
- वे अपनी विशिष्ट सफेद भौंहों, लंबी भुजाओं और स्वरों के उच्चारण के लिये उपयोग की जाने वाली गले की थैली के लिये जाने जाते हैं।
- वृक्षीय जीवनशैली:
- गिब्बन विशेष रूप से वृक्षवासी होते हैं, जो उष्णकटिबंधीय जंगलों में पेड़ों की चोटी पर अपना जीवन बिताते हैं।
- चुनौतियाँ:
- हूलॉक गिब्बन विशेष रूप से आवास संबंधी व्यवधानों, जैसे कि कैनोपी गैप (Canopy Gaps) के प्रति संवेदनशील होते हैं।
- आवास के विखंडन के कारण उनका आनुवंशिक अलगाव हो सकता है और उनकी आबादी को खतरा हो सकता है।
- संरक्षण के प्रयास:
- आर्टिफीसियल कैनोपी ब्रिज जैसी पहल का उद्देश्य संरक्षण प्रयासों को सुनिश्चित कर उनकी आनुवंशिक विविधता को संरक्षित करना है।
- गिब्बन कैनोपी के माध्यम से यात्रा करते समय बीजों को फैलाकर वन पारिस्थितिकी तंत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- उनके आवासों के स्वास्थ्य और जैवविविधता को बनाए रखने के लिये उनका संरक्षण आवश्यक है।
गिब्बन अभयारण्य:
- हूलोंगापार गिब्बन अभयारण्य, जिसे पहले गिब्बन वन्यजीव अभयारण्य के नाम से जाना जाता है, भारत के असम के जोरहाट ज़िले में स्थित है।
- वर्ष 1997 में स्थापित यह एक समृद्ध जैवविविधता है, जिसमें भारत के एकमात्र गिब्बन, पश्चिमी हूलॉक और बंगाल स्लो/धीमा लोरिस, पूर्वोत्तर भारत में रात्रिचर प्राइमेट शामिल हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2010)
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं?
उत्तर: (b) प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा वानर नहीं है? (2008)
उत्तर: C
अतः विकल्प (C) सही उत्तर है। |