ग्रीनवाशिंग टेकस्प्रिंट | 18 May 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) ग्लोबल फाइनेंशियल इनोवेशन नेटवर्क (GFIN) के पहले ग्रीनवॉशिंग टेकस्प्रिंट में भाग लेने वाले 13 अंतर्राष्ट्रीय नियामकों में शामिल होगा।
ग्रीनवाशिंग टेकस्प्रिंट:
- ग्रीनवाशिंग टेकस्प्रिंट का आयोजन ग्लोबल फाइनेंशियल इनोवेशन नेटवर्क (GFIN) द्वारा किया जाता है, जो उपभोक्ताओं के लाभ के लिये वित्तीय नवाचार का समर्थन करने को प्रतिबद्ध 80 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का एक संघ है।
- GFIN की अध्यक्षता वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम में एक अग्रणी नियामक निकाय वित्तीय आचरण प्राधिकरण (FCA) कर रही है।
- टेकस्प्रिंट का लक्ष्य एक ऐसा उपकरण या समाधान विकसित करना है जो नियामकों और बाज़ार को वित्तीय सेवाओं में ग्रीनवाशिंग के जोखिमों से निपटने में प्रभावी रूप से मदद कर सके।
- टेकस्प्रिंट 5 जून को लॉन्च होगा और सितंबर 2023 में शोकेस डे के साथ 3 महीने तक चलेगा।
ग्लोबल फाइनेंशियल इनोवेशन नेटवर्क:
- GFIN को औपचारिक रूप से वित्तीय नियामकों और संबंधित संगठनों के अंतर्राष्ट्रीय समूह द्वारा जनवरी 2019 में लॉन्च किया गया था।
- यह उपभोक्ताओं के हितों में वित्तीय नवाचार का समर्थन करने हेतु प्रतिबद्ध 70 से अधिक संगठनों का एक नेटवर्क है।
- यह नवोन्मेषी फर्मों को नियामकों के साथ संवाद करने हेतु अधिक कुशल तरीका प्रदान करता है, जिससे उन्हें देशों के बीच नेविगेट करने में मदद मिलती है क्योंकि वे नए विचारों को मापते हैं।
- समन्वय समूह द्वारा GFIN की देख-रेख की जाती है। समन्वय समूह GFIN सदस्यों से बना है और GFIN की समग्र दिशा, रणनीति एवं वार्षिक कार्यक्रम निर्धारित करता है।
- समन्वय समूह की अध्यक्षता वर्तमान में FCA द्वारा की जा रही है। समन्वय समूह में सदस्यता दो वर्ष तक होती है और कार्य में इनपुट और जुड़ाव प्रदान करने हेतु सदस्य वर्ष में दो बार मीटिंग करते हैं।
- भारत से सदस्य:
ग्रीनवाॅशिंग क्या है?
- परिचय:
- ग्रीनवाॅशिंग का आशय स्थिरता या पर्यावरण के अनुकूल भ्रामक छवि पेश करने के लिये किसी उत्पाद, सेवा या कंपनी के पर्यावरणीय लाभों के बारे में झूठे या अतिशयोक्तिपूर्ण दावा करने से है।
- यह एक प्रकार का भ्रामक विपणन है जिसका उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों और प्रथाओं के लिये बढ़ती उपभोक्ता मांग का फायदा उठाना है।
- RBI ‘हरित’ के रूप में विपणन किये गए निवेश उत्पादों की बढ़ती संख्या या व्यापक स्थिरता के दावों की पहचान करता है।
- पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) क्रेडेंशियल्स के बारे में अतिरंजित, भ्रामक या निराधार दावे उत्पाद के प्रति जनता के विश्वास को नुकसान पहुँचाते हैं।
- ग्रीनवाॅशिंग का आशय स्थिरता या पर्यावरण के अनुकूल भ्रामक छवि पेश करने के लिये किसी उत्पाद, सेवा या कंपनी के पर्यावरणीय लाभों के बारे में झूठे या अतिशयोक्तिपूर्ण दावा करने से है।
- ग्रीनवाशिंग के प्रमुख रूप:
- अस्पष्ट या भ्रामक लेबल: कंपनियाँ "पर्यावरण अनुकूल," ‘हरित’ या ‘प्राकृतिक’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकती हैं, बिना विशिष्ट जानकारी या स्पष्ट मानक प्रदान किये कि उन शब्दों का क्या अर्थ है।
- अप्रासंगिक दावे: कंपनियाँ अपने उत्पादों या संचालन से संबंधित अधिक महत्त्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दों की अनदेखी करते हुए मामूली पर्यावरणीय सुधार को उजागर कर सकती हैं।
- उदाहरण के लिये एक कार निर्माता अपनी निर्माण प्रक्रियाओं के पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में कम कम जानकारों देते हुए ईंधन-कुशल मॉडल होने का दावा कर सकता है।
- हिडन ट्रेड-ऑफ: यह तब होता है जब किसी उत्पाद का विपणन इसके एक पहलू में इसे पर्यावरण के अनुकूल के रूप में प्रदर्शित कर किया जाता है लेकिन अन्य नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभावों का उल्लेख नहीं किया जाता है।
- उदाहरण के लिये एक डिस्पोज़ेबल उत्पाद को बायोडिग्रेडेबल के रूप में चिह्नित करना, जबकि उसकी उत्पादन प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण कार्बन फुटप्रिंट मौजूद होना।
- ग्रीनवॉशिंग के प्रभाव:
- वास्तविक प्रयासों में कमी: सतत् एवं पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को लागू करने के लिये वास्तव में प्रतिबद्ध कंपनियाँ नुकसान पहुँचा सकती है क्योंकि ग्रीनवाशिंग से उपभोक्ताओं के लिये वास्तविक रूप से टिकाऊ उत्पादों और गलत तरीके से विपणन किये जाने वाले उत्पादों के बीच अंतर करना मुश्किल हो जाता है।
- ग्रीनवॉशिंग में संलग्न कंपनियों द्वारा उचित संवहनीय पहलों को कम किया जा सकता है।
- नवाचार में बाधक: ग्रीनवॉशिंग, संवहनीयता में वास्तविक नवाचार को हतोत्साहित कर सकती है।
- जब कंपनियाँ सतही या भ्रामक हरित दावों के साथ उपभोक्ताओं को धोखा देती हैं तो वास्तव में टिकाऊ/स्थायी समाधान विकसित करने के क्रम में निवेश की उनकी प्रेरणा में कमी आ सकती है। यह समग्र रूप से पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों के निर्माण को बाधित करता है।
- वास्तविक प्रयासों में कमी: सतत् एवं पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को लागू करने के लिये वास्तव में प्रतिबद्ध कंपनियाँ नुकसान पहुँचा सकती है क्योंकि ग्रीनवाशिंग से उपभोक्ताओं के लिये वास्तविक रूप से टिकाऊ उत्पादों और गलत तरीके से विपणन किये जाने वाले उत्पादों के बीच अंतर करना मुश्किल हो जाता है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा एक "ग्रीनवॉशिंग" शब्द का सर्वोत्तम वर्णन है? (2022) (a) मिथ्या रूप से यह प्रभाव व्यक्त करना कि कंपनी के उत्पाद पारिस्थितिक-अनुकूली (इको- फ्रेंडली) और पर्यावरणीय रूप से उपयुक्त हैं उत्तर: a |