नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क

  • 11 Jun 2024
  • 7 min read

चर्चा में क्यों?

ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क, जिसे स्थानीय रूप से 'गरुड़' के नाम से जाना जाता है, एक समय पर दक्षिणी एशिया और मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाता था, लेकिन अब यह भारत के असम के कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित रह गया है।

  • यह विशाल पक्षी अपनी विशिष्ट उपस्थिति के लिये जाना जाता है, इसके पास एक लंबी गर्दन, बड़ी चोंच और एक प्रमुख गूलर थैली होती है।

ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • भारत में इनकी सबसे बड़ी कॉलोनी असम में तथा एक छोटी कॉलोनी भागलपुर के निकट पाई जाती है।
  • असम में, इनका निवास ब्रह्मपुत्र घाटी में है, विशेष रूप से गुवाहाटी, मोरीगाँव और नौगाँव जिलों में।
  • वैज्ञानिक नाम: लेप्टोपिलोस डबियस (Leptoptilos dubius)।
    • गण: यह सारस परिवार, सिकोनीडे का सदस्य है। इस परिवार में लगभग 20 प्रजातियाँ हैं। ये लंबी गर्दन वाले बड़े पक्षी हैं।
    • आवास: इसके केवल तीन ज्ञात प्रजनन स्थल हैं, एक कंबोडिया में और दो भारत (असम और बिहार) में।
  • संरक्षण स्थिति:
  • आहार: 
    • यह मुख्य रूप से मांसाहारी है जो मछली, मेंढक, साँप, अन्य सरीसृप, ईल, पक्षी आदि के आंतरिक अंग और सड़ा हुआ मांस खाता है।
    • यह गिद्धों के साथ मैला ढोने की आदत साझा करता है।
  • महत्त्व:
    • धार्मिक चिह्न:
      • उन्हें हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक भगवान विष्णु का वाहन माना जाता है। 
      • कुछ लोग इस पक्षी की पूजा करते हैं और इसे “गरुड़ महाराज” (भगवान गरुड़) या “गुरु गरुड़” (महान शिक्षक गरुड़) कहते हैं।
    • किसानों के लिये उपयोगी:
      • वे चूहों और कृषि को हानि पहुँचाने वाले कीटों को नष्ट करके किसानों की सहायता करते हैं।

Greater Adjutant Stork

ग्रेटर एडजुटेन्ट स्टॉर्क से संबंधित खतरे और संरक्षण प्रयास क्या हैं?

  • संकट:
    • आवास का नुकसान: शहरीकरण आर्द्रभूमि को नष्ट कर रहा है, जो इन सारसों के भोजन के लिये आवश्यक है। अब बहुत से सारसों को कूड़े के ढेर पर निर्भर रहना पड़ रहा है, जो कि दीर्घकालिक समाधान नहीं है।
    • अतिक्रमण और जल निकासी परियोजनाएँ महत्त्वपूर्ण आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट कर रही हैं।
      • उदाहरण के लिये गुवाहाटी में निजी भूमि मालिक बसेरा बनाने हेतु पेड़ों को काट रहे हैं (जिनकी उन्हें बसेरा बनाने के लिये आवश्यकता होती है), जिससे उनके आवास पर और अधिक दबाव पड़ रहा है।
    • मौसमी चुनौतियाँ: प्रजनन ऋतु (अक्तूबर-फरवरी) आर्द्रभूमि में प्रचुर मात्रा में मछली और शिकार की उपलब्धता के साथ मेल खाती है।
      • प्रजनन के मौसम के अलाव, ये स्टॉर्क भोजन के लिये शहरी अपशिष्ट निपटान स्थलों पर निर्भर रहते हैं।
    • मानवीय व्यवधान: स्थानीय समुदाय प्रायः पक्षियों के मल की तीव्र गंध तथा उनके बच्चों को खिलाने के लिये लाए गए सड़े हुए मांस की उपस्थिति के कारण उन्हें भगा देते हैं।
  • संरक्षण के प्रयास:
    • स्थानीय लोगों के साथ मिलकर काम करना: असम में स्थानीय समुदाय हरगिला के संरक्षण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। संरक्षणकर्त्ताओं ने ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं को घोंसले के शिकार स्थलों की सुरक्षा करने और इन पक्षियों के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने में शामिल किया है।
    • नेस्टिंग साइट का संरक्षण:: वृक्षारोपण और मौजूदा नेस्टिंग साइट की सुरक्षा करके उन स्थानों को संरक्षित और बहाल करने के प्रयास किये गए हैं जहाँ स्टॉर्क घोंसला बनाते हैं। समुदाय-आधारित संगठन इन स्थलों की निगरानी और उन्हें गड़बड़ी से बचाने के लिये काम कर रहे हैं।
    • जागरूकता अभियान: सार्वजनिक धारणा को बदलने और इन स्टॉर्क के साथ सह-अस्तित्व को प्रोत्साहित करने के लिये शैक्षिक कार्यक्रम तथा जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न. ‘संक्रामक (इन्वेसिव) जीव-जाति (स्पीशीज़) विशेषज्ञ समूह’ (जो वैश्विक संक्रामक जीव-जाति डेटाबेस विकसित करता है) निम्नलिखित में से किस एक संगठन से संबंधित है? (2023)

(a) अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (इंटरनैशनल यूनियन फॉर कंज़र्वेशन ऑफ नेचर) 
(b) संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूनाइटेड नेशंस एन्वाइरनमेंट प्रोग्राम) 
(c) संयुक्त राष्ट्र का पर्यावरण एवं विकास पर विश्व आयोग (यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड कमीशन फॉर एन्वाइरनमेंट ऐंड डेवेलप्मेंट) 
(d) प्रकृति के लिये विश्वव्यापी निधि (वर्ल्डवाइड फंड फॉर नेचर) 

उत्तर: (a)


प्रश्न. गंगा नदी डॉल्फिन की समष्टि में ह्रास के लिये शिकार-चोरी के अलावा और क्या संभव कारण हैं? (2014)

  1. नदियों पर बाँधों और बैराजों का निर्माण 
  2. नदियों में मगरमच्छों की समष्टि में वृद्धि 
  3. संयोग से मछली पकड़ने के जालों में फँस जाना 
  4. नदियों के आस-पास के फसल-खेतों में संश्लिष्ट उर्वरकों और अन्य कृषि रसायनों का इस्तेमाल

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1, 3 और 4
7(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (c)

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow