रैपिड फायर
ग्रामीण क्रेडिट स्कोर
- 04 Feb 2025
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
केंद्रीय बजट 2025-26 में स्वयं सहायता समूहों (SHG) और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये ग्रामीण क्रेडिट स्कोर (GCS) फ्रेमवर्क प्रस्तुत किया गया।
ग्रामीण क्रेडिट स्कोर:
- परिचय: इसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा ग्रामीण परिवेश के व्यक्तियों की ऋण पात्रता का आकलन करने तथा ऋण प्राप्ति को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है।
- इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में उधारकर्त्ताओं (ऋण प्राप्तकर्त्ता) का अधिक सटीक मूल्यांकन प्रदान कर ऋण चुकौती अनुशासन में सुधार लाना तथा धोखाधड़ी को कम करना है।
- प्रभाव: यह माइक्रोफाइनेंस को मज़बूत करेगा, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगा तथा कृषि, ग्रामीण विकास और MSME जैसे क्षेत्रों को सहायता प्रदान करेगा।
- GCS मौजूदा माइक्रोफाइनेंस मॉडलों का पूरक होगा तथा ऋणों के मूल्यांकन के लिये CIBIL और CRIF हाईमार्क जैसे क्रेडिट स्कोर के साथ मिलकर कार्य करेगा।
- इस स्कोर को स्वामित्व योजना के साथ एकीकृत किया जाएगा।
अन्य पहल:
- भारतीय डाक का रूपांतरण: केंद्रीय बजट 2025 में भारतीय डाक को 1.5 लाख डाकघरों और 2.4 लाख डाक सेवकों के विशाल ग्रामीण नेटवर्क का उपयोग करते हुए एक प्रमुख सार्वजनिक रसद संगठन में परिवर्तित करने का प्रस्ताव किया गया है।
- राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) के लिये सहायता: सहकारी क्षेत्र को ऋण देने को बढ़ावा देने के लिये सहकारी चीनी मिलों को मज़बूत करने के लिये 500 करोड़ रुपये का अनुदान आवंटित किया गया।
और पढ़ें: केंद्रीय बजट 2025-26, आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25, स्वामित्व योजना