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रैपिड फायर

ग्लूटेन

  • 13 Nov 2024
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

ग्लूटेन, एक प्रोटीन कॉम्प्लेक्स जो मुख्य रूप से गेहूँ जौ तथा राई में पाया जाता है, खाद्य उद्योग में अपनी उपयोगिता के लिये जाना जाता है, लेकिन यह ग्लूटेन से संबंधित विकारों जैसे कि सीलियेक रोग का कारण बनने के लिये कुख्यात है, जो आबादी के लगभग 2% को प्रभावित करता है।

  • ग्लूटेन प्रोटीन से बना होता है, मुख्यतः ग्लियाडिन और ग्लूटेनिन, जो तब बनते हैं जब कुछ अनाज के आटे में पानी मिलाया जाता है।
    • यह आटे को लचीलापन प्रदान करता है, जिससे वह फूलता है और पके हुए उत्पादों को चबाने योग्य बनाता है।
    • यह प्राकृतिक रूप से पाया जाता है और इसे सांद्रित करके भोजन तथा अन्य वस्तुओं में मिलाकर उसके स्वाद, बनावट और प्रोटीन की मात्रा में सुधार किया जा सकता है।
  • ग्लूटेन एंज़ाइम प्रोटीएज़ के कारण पाचन तंत्र में ग्लूटेन का पूर्ण रूप से विघटन नहीं हो पाता है। ग्लूटेन के पाचन न होने से जठरांत्र (Gastrointestinal) संबंधी विकार हो सकते हैं।
    • प्रोटीएज़ (Protease), (जिसे पेप्टिडेज़, प्रोटीनेज़ या प्रोटीयोलाइटिक एंज़ाइम भी कहा जाता है) एक एंज़ाइम है जो प्रोटीन को छोटे पॉलीपेप्टाइड्स या अमीनो एसिड में विघटित करता है।
  • सीलियेक रोग (Coeliac Disease) नामक एक स्वप्रतिरक्षी विकार ग्लूटेन के कारण उत्पन्न होता है, यह छोटी आँत को नुकसान पहुँचता है तथा प्रतिरक्षा प्रणाली को बहुत सारे एंटीबॉडी के निर्माण हेतु प्रेरित करता है, जो शरीर के अपने प्रोटीन को लक्षित करते हैं।
    • वर्तमान में सीलियेक रोग के उपचार के लिये ग्लूटेन की मात्रा बहुत कम रखना ही एकमात्र प्रभावी तरीका है।

और पढ़ें: सीलियेक रोग - दृष्टि आईएएस

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