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वैश्विक पोलियो का पुनःप्रवर्तन

  • 01 Jan 2025
  • 9 min read

स्रोत: TH 

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पाकिस्तान, कैमरून और विभिन्न यूरोपीय देशों समेत कई देशों में पोलियो वायरस की उपस्थिति की पहचान की है। 

  • शोध से पता चलता है, कि पोलियोवायरस मुख्य रूप से श्वसन मार्ग से फैलता है, न कि पारंपरिक रूप से माने जाने वाले मल-द्वार से।

पोलियो के पुनः बढ़ने में योगदान देने वाले प्रमुख कारक क्या हैं?

  • पोलियो वायरस का पता लगाना: पोलियो के पुनः बढ़ने का प्रमाण विभिन्न देशों में वाइल्ड या वैक्सीन-व्युत्पन्न पोलियो वायरस दोनों का हाल ही में पता लगना है।
    • वर्ष 2024 में पाकिस्तान में वाइल्ड पोलियोवायरस टाइप-1 (WPV1) के कुल 62 मामले सामने आए।
    • बार्सिलोना, वारसॉ और कोलोन (जर्मनी) जैसे शहरों में भी पोलियोवायरस युक्त पर्यावरणीय प्रतिदर्श पाए गए हैं, जो संभावित अज्ञात खतरे या बगैर टीकाकरण वाली आबादी का संकेत देते हैं।
  • टीकाकरण में अंतराल: संवेदनशील और संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में नियमित टीकाकरण कवरेज में काफी गिरावट आई है, जिससे बच्चे पोलियो प्रकोप के प्रति अधिक संवेदनशील हो गए हैं।
    • उदाहरण: सूडान के सक्रिय संघर्ष क्षेत्रों में टीकाकरण कवरेज 85% से घटकर मात्र 30% रह गया है।
  • टीकाकरण रणनीति में बदलाव: मौखिक पोलियो वैक्सीन (OPV) को वैक्सीन-व्युत्पन्न पोलियोवायरस मामलों (CVDPV) के प्रकोप से जोड़ा गया है, जो उन्मूलन प्रयासों को जटिल बनाता है।
  • हालिया शोध में IPV में परिवर्तन की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है, जो संक्रामक नहीं है तथा पोलियोवायरस के कारण होने वाले पक्षाघात के विरुद्ध प्रभावी सुरक्षा प्रदान करता है

निष्क्रिय पोलियो वैक्सीन (IPV) और ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV) के बीच अंतर 

  • निष्क्रिय पोलियो वैक्सीन (IPV)
    • फायदे:
      • वैक्सीन-जनित पोलियो का कोई खतरा नहीं: IPV में निष्क्रिय विषाणु कण होते हैं, जिसका अर्थ है कि वैक्सीन से पोलियो होने का कोई खतरा नहीं है।
      • कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों के लिये सुरक्षित: चूँकि IPV में मृत वायरस का उपयोग किया जाता है, इसलिये यह कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिये सुरक्षित है।
      • संधारणीय प्रतिरक्षा: पोलियो वायरस संक्रमण के विरुद्ध प्रतिरक्षात्मकता बनाए रखने के लिये IPV को कई बूस्टर की आवश्यकता होती है। 
    • नुकसान:
      • उच्च लागत: OPV की तुलना में IPV का उत्पादन और प्रबंधन अधिक महँगा  है।
      • कई खुराकों की आवश्यकता: एक पूर्ण IPV टीकाकरण कार्यक्रम में आमतौर पर पूर्ण प्रतिरक्षा प्रदान करने के लिये 2-4 शॉट्स की एक शृंखला शामिल होती है।
      • सीमित श्लैष्मिक प्रतिरक्षा: IPV श्लेष्म झिल्ली (जैसे, आँत) में मज़बूत प्रतिरक्षा प्रदान नहीं करता है, जिसका अर्थ है कि यह OPV की तुलना में वायरस संचरण को रोकने में कम प्रभावी हो सकता है।
  • ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV)
    • फायदे: 
      • कम लागत: OPV का उत्पादन और वितरण सस्ता है, जिससे संसाधन-सीमित परिस्थितियों में यह अधिक सुलभ हो जाता है।
      • कम खुराक की आवश्यकता: प्रभावी प्रतिरक्षा प्राप्त करने के लिये OPV को आमतौर पर केवल एक या कुछ खुराक की आवश्यकता होती है।
      • बेहतर श्लैष्मिक प्रतिरक्षा: OPV विशेष रूप से आँतों में मज़बूत श्लैष्मिक प्रतिरक्षा प्रदान करता है, जो पोलियोवायरस के संचरण को कम करने में सहायक है।
    • नुकसान:
      • वैक्सीन-व्युत्पन्न पोलियो का खतरा: OPV में जीवित, कमज़ोर पोलियोवायरस होता है, जो दुर्लभ मामलों में एक ऐसे रूप में परिवर्तित हो सकता है जो टीका-जनित पोलियोवायरस (VDPV) के प्रकोप का कारण बनता है।
      • कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों के लिये सुरक्षित नहीं: क्योंकि इसमें जीवित वायरस होता है, इसलिये OPV कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिये खतरनाक साबित हो सकता है।
      • अल्पकालिक प्रतिरक्षा: OPV से प्राप्त प्रतिरक्षा, IPV की तुलना में दीर्घकालिक नहीं हो सकती है, इसके लिये समय के साथ अतिरिक्त खुराक या बूस्टर की आवश्यकता होती है।

पोलियो क्या है?

  • परिचय:
    • पोलियो (पोलियोमाइलाइटिस) एक अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग है, जो मुख्य रूप से पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है, यह मल-द्वार या दूषित भोजन/जल के माध्यम से फैलता है तथा तंत्रिका तंत्र पर आक्रमण करके पक्षाघात का कारण बन सकता है।
    • तीन अलग-अलग और प्रतिरक्षात्मक रूप से भिन्न वाइल्ड पोलियोवायरस उपभेद हैं:
      • वाइल्ड पोलियोवायरस प्रकार-1 (WPV1), WPV2 और WPV3।
  • वैक्सीन के प्रकार:
    • निष्क्रिय पोलियो वैक्सीन (IPV): यह पोलियोवायरस प्रकार 1, 2 और 3 से सुरक्षा प्रदान करता है
    • ट्रायवेलेंट ओरल पोलियो वैक्सीन (TOPV): यह पोलियोवायरस प्रकार 1, 2 और 3 से सुरक्षा प्रदान करता है - अप्रैल 2016 में "OPV स्विच" के बाद, हालाँकि TOPV के अब इतने प्रमाण  नहीं मिलते हैं।
      • अप्रैल 2016 में OPV स्विच, TOPV को BOPV से प्रतिस्थापित करने का एक वैश्विक प्रयास था।
      • बायवेलेंट ओरल पोलियो वैक्सीन (BOPV): यह पोलियोवायरस प्रकार 1 और 3 से सुरक्षा प्रदान करता है
      • मोनोवैलेंट ओरल पोलियो वैक्सीन (mOPV1, mOPV2 और mOPV3): यह क्रमशः प्रत्येक प्रकार के पोलियोवायरस से सुरक्षा प्रदान करता है। 
  • पोलियो उन्मूलन हेतु उठाए गए कदम:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स  

प्रश्न 1. भारत सरकार द्वारा चलाया गया 'मिशन इंद्रधनुष' किससे संबंधित है? (2016)

(a) बच्चों और गर्भवती महिलाओं का प्रतिरक्षण 
(b) संपूर्ण देश में स्मार्ट सिटी का निर्माण
(c) बाहरी अंतरिक्ष में पृथ्वी सदृश ग्रहों के लिये भारत की स्वयं की खोज
(d) नई शैक्षिक नीति

उत्तर: (a)

 प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन-से 'राष्ट्रीय पोषण मिशन (नेशनल न्यूट्रिशन मिशन)' के उद्देश्य हैं? (2017)

  1.  गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण से संबंधी  जागरूकता उत्पन्न करना।
  2. छोटे बच्चों, किशोरियों तथा महिलाओं में रक्ताल्पता की घटना को कम करना।
  3. बाजरा, मोटा अनाज तथा अपरिष्कृत चावल के उपभोग को बढ़ाना।
  4. मुर्गी के अंडो के उपभोग को बढ़ाना।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 1, 2 और 4
(d) केवल 3 और 4

 उत्तर: (a)

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