ग्लोबल एन्वायरनमेंट फैसिलिटी | 03 Jul 2023
हाल ही में ब्राज़ील में आयोजित 64वीं ग्लोबल एन्वायरनमेंट फैसिलिटी (GEF) परिषद की बैठक में शासी निकाय ने जलवायु, जैवविविधता और प्रदूषण की समस्या से निपटने के प्रयासों में तेज़ी लाने के लिये 1.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर के संवितरण को मंज़ूरी दी है।
- यह GEF-8 फंडिंग अवधि (2022 और 2026 तक चलने वाला) की दूसरी कार्य योजना है।
बैठक के प्रमुख बिंदु:
- वैश्विक जैवविविधता फ्रेमवर्क फंड:
- शासी निकाय ने कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैवविविधता फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन को वित्तपोषित करने के लिये एक नए फंड, ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क फंड (GBFF) की स्थापना को मंज़ूरी दे दी है।
- यह निधि महत्त्वपूर्ण है क्योंकि GEF-8 अवधि के दौरान लगभग 50% संसाधन जैवविविधता से संबंधित कार्यों के लिये आवंटित किये जाएंगे।
- निधि आवंटन:
- यह निधि 20% स्वदेशी लोगों एवं स्थानीय समुदायों (IPLC) को, 25% GEF एजेंसियों को, 36% SIDS (छोटे विकासशील द्वीपीय देश) को तथा 3% LDC (अल्प विकसित देशों) को आवंटित की जाएगी।
- IPLC के लिये आवंटन की समीक्षा अगस्त में अनुसमर्थन के दो वर्ष बाद की जाएगी जबकि SIDS और LDC के लिये आवंटन की समीक्षा अनुसमर्थन के तीन वर्ष बाद की जाएगी।
ग्लोबल एन्वायरनमेंट फैसिलिटी (GEF):
- वैश्विक पर्यावरण सुविधा (Global Environment Facility- GEF) की स्थापना वर्ष 1992 के रियो अर्थ समिट से एक दिन पहले की गई थी।
- यह एक प्रकार की निधि है जो जैवविविधता के नुकसान, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और भूमि एवं महासागर स्वास्थ्य के क्षरण का सामना करने के लिये समर्पित है।
- इसकी एक अद्वितीय शासकीय संरचना है जिसमें एक विधानसभा, परिषद, सचिवालय, 18 एजेंसियाँ, एक वैज्ञानिक एवं तकनीकी सलाहकार पैनल तथा मूल्यांकन कार्यालय सम्मिलित है।
- यह पाँच प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करती है:
- पारा पर मिनामाता अभिसमय वर्ष 2013 में हस्ताक्षरित और वर्ष 2017 में लागू हुआ)।
- स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों (POP) पर स्टॉकहोम अभिसमय (वर्ष 2001 में हस्ताक्षरित और वर्ष 2004 में लागू हुआ)।
- जैविक विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCBD) (वर्ष 1993 में लागू हुआ)।
- मरुस्थलीकरण से निपटने के लिये संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (UNCCD) (वर्ष 1994 में अपनाया गया)।
- जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क अभिसमय (UNFCCC) (वर्ष 1992 में हस्ताक्षरित और वर्ष 1994 में लागू हुआ)।
- भारत सहित 184 देश इसके सदस्य हैं।
- इसका सचिवालय वाशिंगटन, डी.सी. में स्थित है।
- विश्व बैंक GEF के ट्रस्टी के रूप में कार्य करता है, जो GEF ट्रस्ट फंड (दानदाताओं द्वारा योगदान) का प्रबंधन करता है।
GEF काउंसिल:
- GEF के मुख्य शासी निकाय, परिषद में GEF सदस्य देशों के निर्वाचन क्षेत्रों (विकसित देशों से 14, विकासशील देशों से 16 और 2 संक्रमण से गुज़र रही अर्थव्यवस्थाओं से) द्वारा नियुक्त 32 सदस्य शामिल हैं।
- भारत ने बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, नेपाल और मालदीव के साथ मिलकर GEF की कार्यकारी परिषद में एक स्थायी निर्वाचन क्षेत्र का गठन किया है।
- परिषद सदस्यों के रोटेशन के बीच की अवधि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र द्वारा निर्धारित की जाती है।
- परिषद की वर्ष में दो बार बैठक होती है।
- परिषद GEF-वित्तपोषित गतिविधियों के लिये परिचालन नीतियों के साथ कार्यक्रमों का विकास तथा उनको अपनाने के साथ उनका मूल्यांकन करती है।
- यह सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए कार्य योजनाओं (अनुमोदन के लिये प्रस्तुत परियोजनाएँ) की समीक्षा के साथ उनका अनुमोदन भी करती है।