वीरता पुरस्कार | 29 Jan 2024
भारत के राष्ट्रपति ने 75वें गणतंत्र दिवस पर सशस्त्र बलों तथा सुरक्षा बलों के 80 कर्मियों को वीरता पुरस्कार प्रदान किये जाने की स्वीकृति प्रदान की जिनमें से 12 को मरणोपरांत सम्मानित किया गया।
- सशस्त्र बलों, अन्य विधिक रूप से गठित बलों के अधिकारियों/कर्मियों तथा नागरिकों की बहादुरी तथा बलिदान के कार्यों का सम्मान करने के लिये भारत सरकार द्वारा वीरता पुरस्कारों की शुरुआत की गई।
- स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात पहले तीन वीरता पुरस्कार नामतः परमवीर चक्र, महावीर चक्र, एवं वीर चक्र भारत सरकार द्वारा 26 जनवरी, 1950 को प्रारंभ किये गए थे जिनको 15 अगस्त, 1947 से प्रभावी माना गया था।
- इसके पश्चात अन्य तीन वीरता पुरस्कार अर्थात अशोक चक्र श्रेणी-I, अशोक चक्र श्रेणी-II और अशोक चक्र श्रेणी-III को भारत सरकार द्वारा 04 जनवरी, 1952 को प्रारंभ किये गए थे जिनको 15 अगस्त, 1947 से प्रभावी माना गया था ।
- इन पुरस्कारों का जनवरी, 1967 को क्रमशः अशोक चक्र, कीर्ति चक्र तथा शौर्य चक्र के रूप में पुनः नामकरण किया गया था ।
- इसके पश्चात अन्य तीन वीरता पुरस्कार अर्थात अशोक चक्र श्रेणी-I, अशोक चक्र श्रेणी-II और अशोक चक्र श्रेणी-III को भारत सरकार द्वारा 04 जनवरी, 1952 को प्रारंभ किये गए थे जिनको 15 अगस्त, 1947 से प्रभावी माना गया था ।
- इन वीरता पुरस्कारों की घोषणा वर्ष में दो बार की जाती है पहले गणतंत्र दिवस के अवसर पर तथा फिर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर।
- वीरता पुरस्कारों को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है:
- युद्धकालीन वीरता पुरस्कार
- ये पुरस्कार दुश्मन के समक्ष बहादुरी के लिये प्रदान किये जाते हैं।
- शांतिकालीन वीरता पुरस्कार
- ये पुरस्कार दुश्मन के समक्ष बहादुरी के साथ-साथ किये गए अन्य कार्यों के लिये दिये जाते हैं।
- युद्धकालीन वीरता पुरस्कार
- इन पुरस्कारों का वरीयता क्रम परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र और शौर्य चक्र है।
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