प्रारंभिक परीक्षा
यमुना में झाग
- 10 Nov 2021
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हाल ही में यमुना नदी के कुछ हिस्सों पर झाग की एक परत तैरती हुई देखी गई जो अब दिल्ली में एक बार-बार होने वाली घटना बन गई है।
- इससे पहले यमुना में अमोनिया के उच्च स्तर के कारण दिल्ली की जलापूर्ति में बार-बार व्यवधान उत्पन्न हो रहा था।
प्रमुख बिंदु:
- झाग बनने को रोकने हेतु उठाए गए कदम:
- दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (Delhi Pollution Control Committee- DPCC) ने भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards- BIS) द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुरूप निर्मित नहीं होने वाले साबुन और डिटर्जेंट की बिक्री, भंडारण तथा परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
- नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal- NGT) द्वारा नियुक्त ‘यमुना मॉनिटरिंग कमेटी’ की पांँचवीं रिपोर्ट में कहा गया है कि डिटर्जेंट के लिये BIS के मानकों में सुधार किया गया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि ये मानक वास्तव में लागू होंगे या नहीं।
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board- CPCB), डीपीसीसी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Pollution Control Boards- PCBs) जैसे नियामक निकायों की भूमिका आमतौर पर निर्वहन/प्रवाह मानकों को लागू करने तक ही सीमित है।
यमुना
- उद्गम: यह गंगा नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है जो उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में समुद्र तल से लगभग 6387 मीटर की ऊंँचाई पर निम्न हिमालय की मसूरी रेंज से बंदरपूंँछ चोटियों (Bandarpoonch Peaks) के पास यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है।
- बेसिन: यह उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली से बहने के बाद प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में संगम (जहांँ कुंभ मेला आयोजित किया जाता है) में गंगा नदी से मिलती है।
- लंबाई: 1376 किमी.
- महत्त्वपूर्ण बांध: लखवाड़-व्यासी बांध (उत्तराखंड), ताज़ेवाला बैराज बांध (हरियाणा) आदि।
- महत्त्वपूर्ण सहायक नदियाँ: चंबल, सिंध, बेतवा और केन।