फ्राँस में सहायता प्राप्त मृत्यु को वैध बनाने पर विचार | 14 Mar 2024
स्रोत: डाउन टू अर्थ
फ्राँस हाल ही में गर्भपात को संवैधानिक अधिकार के रूप में जोड़ने के बाद अब सहायता प्राप्त मृत्यु के एक रूप जिसे "मृत्यु में सहायक" कहा जाता है, को वैध बनाने पर विचार कर रहा है।
- प्रस्तावित विधेयक में सख्त शर्तें होंगी, जिससे अल्प या मध्यम अवधि में मौत का कारण बनने वाली असाध्य बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को सहायता प्रदान की जा सकेगी।
- देश पहले से ही निष्क्रिय इच्छामृत्यु की अनुमति देता है।
सहायता प्राप्त मृत्यु ( Assisted Dying) और निष्क्रिय इच्छामृत्यु (Passive Euthanasia) क्या है?
- सहायता प्राप्त मृत्यु: इसमें वे लोग शामिल होते हैं जो असाध्य रूप से बीमार होते हैं और घातक दवाएँ प्राप्त करने के लिये चिकित्सा सहायता की मांग करते हैं, जिसे वे बाद में अपना जीवन समाप्त करने के लिये स्वयं लेते हैं।
- यह आमतौर पर तब होता है जब मरीज़ किसी लाइलाज बीमारी के कारण असहनीय पीड़ा का सामना कर रहे होते हैं तथा अपनी मृत्यु के समय और तरीके पर नियंत्रण चाहते हैं।
- सहायता प्राप्त मृत्यु का प्राथमिक अंतर यह है कि व्यक्ति चिकित्सा पेशेवरों की सहायता से अपने जीवन को समाप्त करने की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।
- निष्क्रिय इच्छामृत्यु: निष्क्रिय इच्छामृत्यु तब होती है जब जीवन-निर्वाह उपचार रोक दिये जाते है अथवा हटा लिये जाते है, जिससे रोगी स्वाभाविक रूप से मर जाता है।
- इसमें वेंटिलेटर, फीडिंग ट्यूब अथवा जीवन को बनाए रखने वाली दवाओं जैसे- चिकित्सा उपचारों को रोकने के निर्णय शामिल हो सकते हैं।
- निष्क्रिय इच्छामृत्यु को प्राय: सक्रिय इच्छामृत्यु से अलग माना जाता है क्योंकि इसमें रोगी की मृत्यु सीधे तौर पर शामिल नहीं होती है, बल्कि यह प्राकृतिक तरीकों से मृत्यु की अनुमति देता है।
- सक्रिय इच्छामृत्यु में किसी व्यक्ति के जीवन को समाप्त करने के लिये जानबूझकर घातक पदार्थों या कार्यों का उपयोग करना शामिल है।
- कानूनी सहायता से मृत्यु अथवा इच्छामृत्यु वाले देश:
- नीदरलैंड, लक्जमबर्ग, बेल्जियम, स्पेन ऐसे किसी भी व्यक्ति के लिये इच्छामृत्यु एवं सहायता प्राप्त आत्महत्या दोनों की अनुमति देता है जो "असहनीय पीड़ा" का सामना करते है जिसमें सुधार की कोई संभावना नहीं है।
- स्विट्ज़रलैंड इच्छामृत्यु पर प्रतिबंध लगाता है लेकिन डॉक्टर अथवा चिकित्सक की उपस्थिति में सहायता से मृत्यु की अनुमति देता है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कानून हैं। वाशिंगटन, ओरेगॉन एवं मोंटाना जैसे कुछ राज्यों में इच्छामृत्यु की अनुमति है।
- भारत निष्क्रिय इच्छामृत्यु की अनुमति देता है।
- सर्वोच्च न्यायालय ने अरुणा रामचन्द्र शानबाग बनाम यूनियन ऑफ इंडिया केस के 2011 के मामले में निष्क्रिय इच्छामृत्यु को स्वीकार किया, जिससे उन रोगियों से जीवन-निर्वाह देखभाल वापस लेने की अनुमति प्राप्त हुई जो स्वयं निर्णय लेने में असमर्थ थे। इस मामले में अरुणा शानबाग निष्क्रिय अवस्था में थीं।
- कॉमन कॉज़ बनाम भारत संघ, 2018 मामले में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 'लिविंग विल' के महत्त्व को उजागर करते हुए निष्क्रिय इच्छामृत्यु/सहजमृत्यु (Euthanasia) को वैध बनाया।
- यह निर्णय मानसिक रूप से सक्षम वयस्कों को नैसर्गिक मृत्यु के चयन की स्वतंत्रता प्रदान करते हुए विशिष्ट परिस्थितियों में चिकित्सा उपचार की मनाही अथवा इसे प्राप्त न करने के विकल्प का प्रावधान करता है।
- न्यायालय ने इस तथ्य पर ज़ोर दिया कि मरण की प्रक्रिया में गरिमा संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा गारंटीकृत जीवन के अधिकार का अभिन्न अंग है।
- वर्ष 2023 में सर्वोच्च न्यायालय ने संबद्ध प्रक्रिया में सरलता और तीव्रता हेतु निष्क्रिय इच्छामृत्यु से संबंधित नियमों में संशोधन किया।
- सर्वोच्च न्यायालय ने लिविंग विल हेतु नोटरी अथवा राजपत्रित अधिकारी द्वारा इसके सत्यापन को पर्याप्त बताते हुए लिविंग विल को मान्य करने के संबंध में न्यायिक मजिस्ट्रेट की आवश्यकता को समाप्त किया।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निजता के अधिकार को जीवन एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्भूत भाग के रूप में संरक्षित किया जाता है। भारत के संविधान में निम्नलिखित में से किससे उपर्युक्त कथन सही एवं समुचित ढंग से अर्थित होता है? (2018) (a) अनुच्छेद 14 और संविधान के 42वें संशोधन के अधीन उपबंध। उत्तर: (c) |