चौथा वैश्विक सामूहिक प्रवाल विरंजन कार्यक्रम | 20 Apr 2024
स्रोत: डाउन टू अर्थ
संयुक्त राज्य अमेरिका की कोरल रीफ वॉच (CRW) और इंटरनेशनल कोरल रीफ इनिशिएटिव (ICRI) ने वर्ष 2023-2024 में चौथी वैश्विक सामूहिक प्रवाल विरंजन घटना की पुष्टि की है।
- विगत 10 वर्षों में यह दूसरी ऐसी घटना है, जो ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक महासागरों में भी वर्ष 2023 और वर्ष 2024 में अभूतपूर्व तापमान दर्ज किया गया है।
- भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में अल नीनो घटना से भूमि और महासागरों के तापमान में वृद्धि देखी गई है।
- अल नीनो घटनाओं के दौरान मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर से उष्ण सागरीय धाराएँ पश्चिमी प्रशांत महासागर की ओर बढ़ती हैं, जिससे कई क्षेत्रों में सागरीय सतह का तापमान बढ़ जाता है।
- दीर्घकालिक पैटर्न के बीच, सागर का गर्म होना और वृहद स्तर पर प्रवाल विरंजन अल नीनो की घटनाओं से निकटता से जुड़ा हुआ है।
- अल नीनो का यह उष्ण प्रभाव सागर के गर्म होने में योगदान देता है, जो प्रवाल भित्तियों पर दबाव डालता है।
- प्रवाल विरंजन के लिये ज़िम्मेदार विभिन्न कारकों में सागरीय सतह के तापमान में वृद्धि, व्यापक समुद्री हीटवेव, समुद्र का अम्लीकरण और प्रदूषण शामिल हैं।
- जब सागरीय सतह का तापमान और समुद्री तापमान सामान्य रूप से बढ़ता है, तो कठोर प्रवालों पर मौजूद शैवाल मर जाते हैं। इससे प्रवाल सफेद हो जाते हैं।
- इस प्रक्रिया को 'प्रवाल विरंजन' के नाम से जाना जाता है। एक बार विरंजन के बाद प्रवाल बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं और अंततः मर सकते हैं।
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