इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

विदेशी नहीं हो सकते कानूनी अभिभावक: दिल्ली उच्च न्यायालय

  • 16 Feb 2023
  • 4 min read

दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि कोई विदेशी नागरिक दिव्यांग व्यक्ति के कानूनी अभिभावक होने के अधिकार या संविधान के भाग III के तहत प्रदत्त संरक्षण का दावा नहीं कर सकता, जैसा कि भारतीय नागरिकों के लिये उपलब्ध है। 

मुद्दे से संबंधित प्रमुख बिंदु:

  • संबंधित विदेशी नागरिक द्वारा ऑटिज़्म, सेरेब्रल पाल्सी, मानसिक मंदता और बहु विकलांगता वाले व्यक्तियों के कल्याण के लिये राष्ट्रीय ट्रस्ट द्वारा निर्धारित कुछ नियमों एवं विनियमों की वैधता को चुनौती दी गई, जो केवल भारतीय नागरिकों को किसी व्यक्ति के अभिभावक होने की अनुमति देते हैं।
  • उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि अधिनियम उन आवश्यक योग्यताओं को निर्दिष्ट नहीं करता है जो एक अभिभावक के पास होनी चाहिये, इसे उन नियमों और विनियमों द्वारा निर्धारित किया जा सकता है जिनके द्वारा इसे बनाया जाता है।
  • हालाँकि उच्च न्यायालय ने स्थानीय स्तर की समिति को परिस्थितियों की जाँच एवं मूल्यांकन करने का निर्देश दिया है। 
  • समिति एक भारतीय नागरिक की वैधानिक अभिभावक के रूप में नियुक्ति पर विचार कर सकती है।

केवल भारतीय नागरिकों के लिये उपलब्ध मौलिक अधिकार:

  • अनुच्छेद 15: यह अनुच्छेद धर्म, नस्ल, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करता है।   
  • अनुच्छेद 16: यह अनुच्छेद सार्वजनिक रोज़गार के मामलों में अवसर की समानता की गारंटी देता है।  
    • यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी नागरिक के साथ धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, वंश, जन्म स्थान या निवास के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा।
  • अनुच्छेद 19: यह अनुच्छेद वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सभा, संघ, आंदोलन, निवास तथा पेशे की स्वतंत्रता जैसे छह मौलिक अधिकार प्रदान करता है।
  • अनुच्छेद 29: यह अनुच्छेद अल्पसंख्यक समूहों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करता है कि उन्हें अपनी विशिष्ट भाषा, लिपि और संस्कृति के संरक्षण का अधिकार है।
  • अनुच्छेद 30: यह अनुच्छेद अल्पसंख्यक समुदायों को उनकी पसंद के शिक्षण संस्थानों की स्थापना और प्रशासन का अधिकार प्रदान करता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. मूल अधिकारों के अतिरिक्त भारत के संविधान का निम्नलिखित में से कौन-सा/से भाग मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा, 1948 (Universal Declaration of Human Rights,1948) के सिद्धांतों एवं प्रावधानों को प्रतिबिंबित करता/करते है/हैं? (2020)

  1. उद्देशिका
  2. राज्य के नीति निदेशक तत्त्व
  3. मूल कर्तव्य

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3 
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)


प्रश्न. भारत में संपत्ति के अधिकार की क्या स्थिति है? (2021)

(a) यह विधिक अधिकार है, जो केवल नागरिकों को प्राप्त है
(b) यह विधिक अधिकार है, जो किसी भी व्यक्ति को प्राप्त है
(c) यह मूल अधिकार है, जो केवल नागरिकों को प्राप्त है
(d) यह न तो मूल अधिकार है और न ही विधिक अधिकार

उत्तर: (b) 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2