रैपिड फायर
शेख हसीना के प्रत्यर्पण का आग्रह
- 25 Dec 2024
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स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
हाल ही में भारत को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण (Extradition) के संबंध में बांग्लादेश से एक नोट वर्बेल (अहस्ताक्षरित राजनयिक पत्राचार) प्राप्त हुआ।
- शेख हसीना पर छात्रों द्वारा किये गए विरोध प्रदर्शनों के दौरान सामूहिक हत्याओं का आरोप है, जिसके लिये बांग्लादेश की अंतरिम सरकार उन पर मुकदमा चलाना चाहती है।
- बांग्लादेश द्वारा शेख हसीना को भारत-बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि 2013, जिसे वर्ष 2016 में संशोधित किया गया था, के तहत वापस भेजने की मांग की जा सकती है।
- संधि के अपवाद:
- अनुच्छेद 6: यदि जिस अपराध के संदर्भ में अनुरोध किया गया है वह राजनीतिक प्रकृति का है तो प्रत्यर्पण से इनकार किया जा सकता है।
- अनुच्छेद 8: किसी व्यक्ति को प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता यदि उसके विरुद्ध “न्याय के हित में सद्भावपूर्वक” आरोप न लगाया गया हो।
- वर्ष 2016 का संशोधन: इसका उद्देश्य प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को सरल एवं त्वरित बनाना करना था
- अनुच्छेद 10 (3): इसने प्रत्यर्पण का अनुरोध करने वाले देश की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत किये जाने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया।
- सक्षम न्यायालय: प्रत्यर्पण के लिये सक्षम न्यायालय द्वारा जारी अरेस्ट वारंट ही पर्याप्त है। उल्लेखनीय है कि शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में कई अरेस्ट वारंट जारी किये गए हैं।
- इस संधि के तहत भारत को वर्ष 2015 में उल्फा नेता अनूप चेतिया को प्रत्यर्पित कराने का अवसर प्राप्त हुआ था।
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