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ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स के लिये विस्तारित PLI योजना

  • 04 Jan 2024
  • 3 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में भारी उद्योग मंत्रालय (Ministry of Heavy Industries- MoHI) ने ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स के लिये उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (Production Linked Incentive- PLI) योजना की अवधि एक वर्ष बढ़ा दी है, यह योजना वित्त वर्ष 2023-24 से शुरू होकर अगले पाँच वर्षों के लिये लागू है।

  • यह निर्णय सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह  (Empowered Group of Secretaries- EGoS) की मंज़ूरी मिलने के बाद लिया गया है।
  • इसके तहत पहले वर्ष की बिक्री वृद्धि सीमा को पूरा करने में विफल रहने वाली कंपनियों को उस वर्ष हेतु प्रोत्साहन नहीं मिलेगा।
    • हालाँकि वे पहले वर्ष की सीमा से 10% वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि प्राप्त करके भविष्य के लाभों के लिये पात्र बने रहते हैं।

उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (Production Linked Incentive) योजना क्या है? 

  • परिचय: PLI योजना भारत में एक सरकारी पहल है जो कंपनियों को भारत में निर्मित उत्पादों की बढ़ती बिक्री के आधार पर वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है।
    • इस योजना का लक्ष्य घरेलू विनिर्माण, रोज़गार सृज़न एवं निर्यात को बढ़ावा देना, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को सुविधाजनक बनाना और आयात निर्भरता को कम करना है।
  • प्रमुख विशेषताएँ: 
    • क्षेत्र-विशिष्ट: यह योजना वर्तमान में 14 प्रमुख क्षेत्रों में सक्रिय है: मोबाइल विनिर्माण, चिकित्सा उपकरणों का विनिर्माण, ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स, फार्मास्यूटिकल्स, दवाएँ, विशिष्ट इस्पात, दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, श्वेत वस्तुएँ (AC व LED), खाद्य उत्पाद, वस्त्र उत्पाद, सौर PV मॉड्यूल, उन्नत रसायन सेल ( Advanced Chemistry Cell- ACC) बैटरी तथा ड्रोन व ड्रोन कंपोनेंट्स।
    • प्रोत्साहन दर: प्रोत्साहन दर क्षेत्र और उत्पाद श्रेणी के आधार पर भिन्न होती है, यह कुल वृद्धिशील विक्रय के 4% से 6% तक हो सकती है।

भारत में ऑटोमोबाइल सेक्टर की स्थिति क्या है?

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