प्रारंभिक परीक्षा
डार्क मैटर और डार्क एनर्जी हेतु यूक्लिड मिशन
- 17 Nov 2023
- 8 min read
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency- ESA) द्वारा डार्क मैटर और डार्क एनर्जी का अध्ययन करने के लिये जुलाई 2023 में लॉन्च किये गए यूक्लिड मिशन (Euclid Mission) ने अपनी शुरुआती पाँच वैज्ञानिक छवियाँ साझा की हैं, जिनमें विशाल आकाशगंगा समूहों की तस्वीरें, दो निकटवर्ती आकाशगंगाओं के विस्तृत शॉट्स, एक नेबुला और गोलाकार क्लस्टर के रूप में जाना जाने वाला गुरुत्वाकर्षण से जुड़ा तारों का समूह शामिल है।
यूक्लिड मिशन:
- यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का यूक्लिड मिशन एक अंतरिक्ष दूरबीन है जिसे डार्क ब्रह्मांड (Dark Universe) की संरचना और विकास का पता लगाने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- यूक्लिड यह पता लगाएगा कि ब्रह्मांड का विस्तार कैसे हुआ तथा ब्रह्मांडीय इतिहास में संरचना कैसे बनी? यह गुरुत्वाकर्षण की भूमिका, डार्क एनर्जी एवं डार्क मैटर की प्रकृति के बारे में और अधिक खुलासा करेगा।
- लॉन्च वाहन: स्पेसएक्स फाल्कन 9
- गंतव्य: सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज बिंदु 2
यूक्लिड के मिशन के विभिन्न निष्कर्ष क्या हैं?
- पर्सियस क्लस्टर: ब्रह्मांडीय गहराई की एक झलक:
- यूक्लिड के लेंस ने पर्सियस क्लस्टर (पर्सियस तारामंडल में आकाशगंगाओं का एक समूह) पर ध्यान केंद्रित किया, यहाँ उसने लगभग 1,000 आकाशगंगाओं और तथा कलस्टर की पृष्ठभूमि में धूमिल दिखाई देने वाली लगभग 100,000 से अधिक आकाशगंगाओं को कैप्चर किया, जिनमें से कुछ 10 अरब प्रकाश वर्ष दूर स्थित थीं।
- इन आकाशगंगाओं की मुख्य विशेषताओं और इनके मानचित्रण से ब्रह्मांड को आकार देने में डार्क मैटर की भूमिका को जानने में मदद मिलेगी।
- स्पाइरल गैलेक्सी IC 342: यूक्लिड का इन्फ्रारेड रेवलैशन:
- यूक्लिड की अवरक्त क्षमताओं ने IC 342 (कैमलोपार्डालिस तारामंडल में एक मध्यवर्ती सर्पिल आकाशगंगा) के सितारों में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की, जो अन्य आकाशगंगा के समान ही एक सर्पिल आकाशगंगा है तथा हमारे समान संरचनाओं वाली आकाशगंगाओं को समझने के लिये उपयोगी है।
- इरेग्यलर ड्वॉर्फ गैलेक्सी NGC 6822: गैलेक्टिक बिल्डिंग ब्लॉक्स:
- NGC 6822 जैसी अनियमित आकार की और छोटी आकाशगंगाएँ बड़ी आकाशगंगाओं के निर्माण खंड के रूप में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- इनका अध्ययन करने से आकाशगंगा संरचनाओं के निर्माण पर प्रकाश पड़ता है।
- ग्लोबुलर क्लस्टर NGC 6397 और हॉर्सहेड नेबुला:
- NGC 6397 लगभग 7,800 LY दूर एक ग्लोब के आकार का ग्लोबुलर क्लस्टर है।
- मिशन ने हॉर्सहेड नेबुला का प्रदर्शन किया, जिसका लक्ष्य विकास के प्रारंभिक चरण में अनदेखे बृहस्पति-द्रव्यमान ग्रहों को उजागर करना था।
- डार्क मैटर क्या है?
- परिचय:
- हालाँकि डार्क मैटर के विषय में अभी तक कुछ विशेष ज्ञात नहीं हो सका है, लेकिन माना जाता है कि यह संपूर्ण ब्रह्मांड में मौजूद है, इसका अस्तित्व इसलिये माना गया क्योंकि यदि ब्रह्मांड में दिखाई देने वाले पदार्थ से अधिक पदार्थ उपस्थित नहीं होता तो कई अवलोकनीय खगोलीय घटनाएँ संभव नहीं हो पातीं।
- ऐसा माना जाता है कि यह पूरे ब्रह्मांड के 95% से अधिक हिस्से का निर्माण करता है।
- हालाँकि डार्क मैटर के विषय में अभी तक कुछ विशेष ज्ञात नहीं हो सका है, लेकिन माना जाता है कि यह संपूर्ण ब्रह्मांड में मौजूद है, इसका अस्तित्व इसलिये माना गया क्योंकि यदि ब्रह्मांड में दिखाई देने वाले पदार्थ से अधिक पदार्थ उपस्थित नहीं होता तो कई अवलोकनीय खगोलीय घटनाएँ संभव नहीं हो पातीं।
- विशेषताएँ:
- पदार्थ को 'मैटर' माना जाता है क्योंकि इसमें गुरुत्वीय आकर्षण होता है और यह 'डार्क' होता है क्योंकि यह प्रकाश (या विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के किसी भी भाग) के साथ संपर्क नहीं करता है।
- इसका गुरुत्वाकर्षण बल हमारी आकाशगंगा के तारों को अलग होने से रोकता है।
- हालाँकि भूमिगत प्रयोगों या विश्व के सबसे बड़े त्वरक, लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) जैसे त्वरक प्रयोगों का उपयोग करके ऐसे डार्क मैटर के कणों का पता लगाने के प्रयास अब तक विफल रहे हैं।
- पदार्थ को 'मैटर' माना जाता है क्योंकि इसमें गुरुत्वीय आकर्षण होता है और यह 'डार्क' होता है क्योंकि यह प्रकाश (या विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के किसी भी भाग) के साथ संपर्क नहीं करता है।
डार्क एनर्जी:
- डार्क एनर्जी ऊर्जा का एक परिकल्पित रूप है जिसके बारे में माना जाता है कि यह समग्र अंतरिक्ष में व्याप्त है तथा ब्रह्मांड के त्वरित विस्तार को संचालित करती है।
- यह एक शब्द है जिसका उपयोग ब्रह्मांड विज्ञान (Cosmology ) में अवलोकित घटना को समझाने के लिये किया जाता है जो यह दर्शाता है कि कैसे आकाशगंगाएँ त्वरित गति से एक दूसरे से दूर जा रही हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निकट अतीत में हिग्स बोसॉन कण के अस्तित्त्व के संसूचन के लिये किये गए प्रयत्न लगातार समाचारों में रहे हैं। इस कण की खोज का क्या महत्त्व है? (2013)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (a) प्रश्न. आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान के संदर्भ में हाल ही में समाचारों में आए दक्षिणी ध्रुव पर स्थित एक कण संसूचक (पार्टिकल डिटेक्टर)' आइसक्यूब (IceCube)', के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2015)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) |