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नगालैंड की जलमार्ग क्षमता में वृद्धि

  • 17 Jul 2024
  • 3 min read

स्रोत: पी.आई.बी. 

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री (MoPSW) ने नगालैंड के मुख्यमंत्री के साथ मिलकर नगालैंड के दीमापुर में आयोजित हितधारक सम्मेलन के दौरान नगालैंड की जलमार्ग क्षमता को सक्षम करने के उद्देश्य से प्रमुख पहलों की घोषणा की।

  • तिजु जुनकी (राष्ट्रीय जलमार्ग 101) का विकास: इसके तहत भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) और नगालैंड का परिवहन विभाग अंतर्देशीय जल परिवहन के लिये फेयरवे के विकास, कौशल विकास तथा पोत खरीद के लिये नौवहन व्यवहारिकता अध्ययन करने के लिये सहयोग करेंगे।
    • नगालैंड में तिजु नदी आगे चलकर चिंडौन नदी (इरावदी नदी की तीसरी सबसे बड़ी सहायक नदी) में मिलती है जिसे म्याँमार में निंगथी नदी के नाम से भी जाना जाता है।
      • चिंडौन नदी आगे चलकर म्याँमार की सबसे बड़ी नदी- इरावदी नदी में मिल जाती है और अंडमान सागर में गिरती है जो पूर्वोत्तर से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मार्गों तक माल की आवाजाही के लिये जलमार्ग प्रदान करती है।
    • इसमें परिवहन के एक वहनीय, सतत् और कुशल साधन के रूप में जलमार्गों के उपयोग पर ज़ोर दिया गया जो कि भारत के विकास के संबंध में भारतीय प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप है।
  • पर्यटन पहल: इसमें सामुदायिक जेटी के साथ दोयांग नदी झील को विकसित करने और पर्यटन को बढ़ाने के लिये रो पैक्स फेरी की व्यवहारिकता का अध्ययन करने की योजना बनाई गई।
  • समुद्री कौशल विकास: इस पहल में समुद्री कौशल विकास केंद्र में समुद्री कौशल में प्रशिक्षण के लिये स्थानीय युवाओं को आमंत्रित करना शामिल है जिससे समुद्री क्षेत्र में रोज़गार को बढ़ावा मिलेगा।
  • कलादान मल्टीमॉडल ट्रांज़िट ट्रांसपोर्ट परियोजना: IWAI के माध्यम से MoPSW संबद्ध क्षेत्र में विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य कर रहा है जिसमें कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट परियोजना, NW 2 और NW 16 को इंडो बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट (IBPR) से जोड़ना, IBPR पर फेयरवे विकसित करना तथा पोर्ट ऑफ कॉल की घोषणा करना आदि शामिल हैं।

और पढ़ें: नगालैंड राज्य दिवस, भारत का अंतर्देशीय जल परिवहन

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