अल्पसंख्यक समुदायों का सशक्तीकरण | 03 Feb 2025
स्रोत: पी.आई.बी.
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय (MoMA) ने अल्पसंख्यक समुदायों को सशक्त बनाने के लिये भारत में जारी प्रयासों पर प्रकाश डाला।
अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित प्रमुख पहलें कौन-सी हैं?
- पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना (2007): इस योजना के अंतर्गत अल्पसंख्यक समुदायों के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा और रोज़गार क्षमता वर्द्धन हेतु छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।
- इस योजना के तहत धन का आवंटन वर्ष 2008-09 में 70.63 करोड़ रुपए था जो वर्ष 2023-24 बढ़कर 1000 करोड़ रुपए हो गया।
- प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना (2008): इस योजना के अंतर्गत माता-पिता को अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों को स्कूल भेजने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है तथा स्कूली शिक्षा के लिये वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- वर्ष 2008-09 में इस योजना हेतु 62.21 करोड़ रुपए आवंटित किये गए थे जिसे वर्ष 2023-24 में बढ़ाकर 400 करोड़ रुपए कर दिया गया।
- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम (NMDFC) (1994): यह अल्पसंख्यकों के पिछड़े वर्गों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये स्वरोज़गार और आय-सृजन गतिविधियों के लिये रियायती ऋण प्रदान करता है।
- वर्ष 2014-15 इसका आवंटन 2 करोड़ रुपए था जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 3 करोड़ रुपए कर दिया गया।
- हज तीर्थयात्रा सहायता (2016): इसके अंतर्गत निम्न आय वाले व्यक्तियों के लिये हज तीर्थयात्रा (सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का तक) की सुविधा प्रदान की जाती है।
- इसका व्यय वर्ष 2014-15 में 9.75 करोड़ रुपए था जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 83.51 करोड़ रुपए हो गया।
- जियो पारसी योजना (2013): इसका उद्देश्य वैज्ञानिक हस्तक्षेप के माध्यम से पारसी समुदाय के लोगों की संख्या में होने वाली निरंतर कमी की रोकथाम करना है।
- मार्च 2024 तक, इस योजना के तहत 400 से अधिक पारसी बच्चों के जन्म को सक्षम बनाया गया है, जिसके लिये वर्ष 2023-24 में 3 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं।
- प्रधानमंत्री विरासत का संवर्द्धन (PM VIKAS): PM VIKAS अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की पाँच मौजूदा योजनाओं जैसे USTTAD (विकास के लिये पारंपरिक कला/शिल्प में कौशल उन्नयन और प्रशिक्षण), नई मंजिल, नई रोशनी और हमारी धरोहर को मिलाकर कौशल विकास और सांस्कृतिक संरक्षण के माध्यम से अल्पसंख्यकों को सशक्त बना रहा है।
- प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (PMJVK): PMJVK अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में सामुदायिक बुनियादी ढाँचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें स्वास्थ्य, कौशल विकास, महिला परियोजनाएँ, जलापूर्ति, स्वच्छता और खेल शामिल हैं।
भारत के अल्पसंख्यक समुदाय
- अल्पसंख्यक समुदाय: केंद्र सरकार राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम (NCMA), 1992 के तहत अल्पसंख्यक का दर्जा निर्धारित करती है, जिसके तहत मुसलमानों, सिखों, ईसाइयों, बौद्धों, जैनियों (वर्ष 2014 में जोड़े गए) और जोरास्ट्रियन (पारसी) को आधिकारिक तौर पर अल्पसंख्यक समुदायों के रूप में मान्यता दी जाती है।
- कुल मिलाकर वे भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 19.3% हिस्सा हैं (जनगणना 2011)।
- जबकि अधिकांश राज्य केंद्रीय सूची का पालन करते हैं, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों की अपनी सूची हो सकती है (उदाहरण के लिये, महाराष्ट्र में यहूदी एक अधिसूचित अल्पसंख्यक हैं)।
- संवैधानिक प्रावधान:
- अनुच्छेद 29 अल्पसंख्यकों के अपनी विशिष्ट भाषा, लिपि और संस्कृति को संरक्षित रखने के अधिकारों की रक्षा करता है तथा धर्म, नस्ल, जाति या भाषा के आधार पर भेदभाव पर रोक लगाता है।
- अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने और उनका प्रबंधन करने का अधिकार देता है।
- अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा के लिये संस्थाएँ:
- अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय: वर्ष 2006 में स्थापित, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय से अलग होकर, भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये कार्यक्रमों का समन्वय करता है।
- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM): NCMA 1992 के तहत निर्मित NCM संविधान और संसद द्वारा पारित कानूनों के अनुरूप अल्पसंख्यक समूहों के हितों की रक्षा करता है।
- वक्फ अधिनियम, 1995: वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और विकास को नियंत्रित करता है।
- केंद्रीय वक्फ परिषद (CWC) राज्य स्तरीय वक्फ बोर्डों को सहयोग देते हुए वक्फ संपत्तियों के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण के लिये योजनाओं का क्रियान्वयन करती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारत में, यदि किसी धार्मिक संप्रदाय/समुदाय को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाता है, तो वह किस विशेष लाभ का हकदार है? (2011)
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) व्याख्या:
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