त्रिशूर पूरम में हाथी परेड | 23 Dec 2024

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने त्रिशूर पूरम में हाथियों के प्रदर्शन पर केरल उच्च न्यायालय द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों पर रोक लगा दी।

  • इससे पहले केरल उच्च न्यायालय ने हाथियों के बीच 3 मीटर की दूरी , सार्वजनिक या पर्क्यूशन प्रदर्शनों से 8 मीटर की दूरी , तथा आतिशबाजी वाले क्षेत्रों से 100 मीटर की दूरी रखने का आदेश दिया था।

त्रिशूर पूरम: 

  • यह केरल के त्रिशूर में आयोजित होने वाला एक वार्षिक हिंदू मंदिर उत्सव है जो 10 मंदिरों  के देवताओं का एक प्रतीकात्मक मिलन है।
  • केरल के मेडम (अप्रैल-मई) में मनाया जाने वाला यह त्यौहार सभी पूरमों (मंदिर उत्सव) की जननी के रूप में जाना जाता है।
  • इसकी शुरुआत कोचीन के महाराजा राजा राम वर्मा (1790-1805) ने की थी, जिन्हें सक्थन थंपुरन के नाम से जाना जाता था। इसमें 10 विभिन्न मंदिरों ने भाग लिया था।
  • जीवंत रूप से सुसज्जित हाथी त्रिशूर पूरम का एक प्रमुख आकर्षण हैं।
  • त्यौहार की शुरुआत ध्वजारोहण समारोह से होती है, जिसे कोडियेट्टम के नाम से जाना जाता है। अंतिम दिन शानदार आतिशबाजी का प्रदर्शन होता है।

Thrissur_Pooram

और पढ़ें: त्रिशूर पूरम