खाद्य तेल आयात और SAFTA समझौता | 11 Feb 2025
स्रोत: बिज़नेस लाइन
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) ने दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (SAFTA) समझौते के शुल्क मुक्त आयात प्रावधानों के दुरुपयोग का हवाला देते हुए नेपाल से भारत में परिष्कृत खाद्य तेल (सोयाबीन और पाम) के बृहद स्तर के आयात पर चिंता व्यक्त की है।
नोट: 1963 में स्थापित, SEA भारत के विलायक निष्कर्षण उद्योग का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें प्रोसेसर, निर्यातक, रिफाइनर और व्यापारी शामिल हैं। यह एक निजी निकाय के रूप में स्वतंत्र रूप से कार्य करता है।
- विलायक निष्कर्षण दो भिन्न अमिश्रणीय द्रवों में उनकी सापेक्ष विलेयता के आधार पर यौगिकों को पृथक करने की एक विधि है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में खाद्य तेल की स्थिति क्या है ?
- खाद्य तेल और तिलहन: भारत, सबसे बड़े तिलहन उत्पादकों में से एक, वैश्विक उत्पादन में 5-6% का योगदान देता है, जो 2023-24 में अनुमानित रूप से 39.66 मिलियन टन था।
- प्रमुख तिलहनों में मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, सरसों, तिल, नाइजर और कुसुम शामिल हैं।
- भारत की वनस्पति तेल अर्थव्यवस्था अमेरिका, चीन और ब्राज़ील के बाद विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
- खाद्य तेल उद्योग कृषि और व्यापार में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है, वर्ष 2023-24 में तिलहन और तेल खली का निर्यात 29,587 करोड़ रुपए का होगा।
- वर्ष 2022-23 में, भारत ने 16.5 मिलियन टन (MT) खाद्य तेलों का आयात किया, जिसमें घरेलू उत्पादन देश की आवश्यकताओं का केवल 40-45% पूरा करता है, 57% खपत के लिये आयात पर निर्भर है।
- भारत में प्रमुख खाद्य तेल:
- पारंपरिक तेल: मूंगफली, सरसों/रेपसीड, तिल, कुसुम, अलसी, नाइजर बीज, अरंडी, सोयाबीन और सूरजमुखी।
- बागान आधारित तेल: नारियल, पाम तेल ( आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, अंडमान और निकोबार में उगाया जाता है )।
- गैर-परंपरागत तेल: चावल की भूसी का तेल, कपास के बीज का तेल।
- वन-आधारित तेल: मुख्य रूप से आदिवासी क्षेत्रों में पेड़ों और वन स्रोतों से एकत्र किये जाते हैं।
- सरकारी पहल: देश का लक्ष्य राष्ट्रीय तिलहन और तेल पाम मिशन (NMOOP) जैसी पहलों के माध्यम से आयात निर्भरता को कम करना है, जिसका लक्ष्य 2030-31 तक तिलहन उत्पादन को 39 मिलियन टन से बढ़ाकर 69.7 मिलियन टन करना है, जिससे खाद्य तेल की 72% मांग पूरी हो सके।
- चिंताएँ: SEA नेपाल से परिष्कृत खाद्य तेल के बढ़ते आयात को लेकर चिंतित है, भारत द्वारा वर्ष 2024 में खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाए जाने के बाद, नेपाली रिफाइनर बड़ी मात्रा में कच्चे तेल का आयात करने लगे हैं तथा SAFTA के माध्यम से कम कीमतों पर भारत को परिष्कृत तेल का निर्यात कर रहे हैं, जिससे भारतीय रिफाइनर और तिलहन किसान प्रभावित हो रहे हैं।
- SEA की सिफारिशें: भारत को उन SAFTA देशों से शुल्क मुक्त खाद्य तेल आयात को प्रतिबंधित करना चाहिये जो तिलहन का उत्पादन नहीं करते हैं तथा कृषि-वस्तुओं की डंपिंग को रोकने के लिये SAFTA में संशोधन करना चाहिये।
- तिलहनों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर आधारित न्यूनतम आयात मूल्य (MIP) लागू करना (अत्यधिक आयात के सापेक्ष किसानों की सुरक्षा के लिये) चाहिये।
दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (SAFTA)
- परिचय: SAFTA, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) की मुक्त व्यापार व्यवस्था है।
- यह समझौता वर्ष 1993 के SAARC अधिमान्य व्यापार समझौते के स्थान पर वर्ष 2006 में लागू हुआ।
- सदस्य: अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका।
- SAFTA संबंधी प्रावधान: SAFTA की व्यापार उदारीकरण नीति के तहत व्यापार की जाने वाली वस्तुओं पर टैरिफ को क्रमिक रूप से घटाकर 0-5% तक लाना शामिल है।
- इसके तहत LDC (अफगानिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल) को विशेष सुविधाएँ प्राप्त हैं, जैसे टैरिफ कटौती के लिये लंबी कार्यान्वयन अवधि और व्यापार प्रतिबंधों से अधिक छूट।
- इसके तहत शामिल सुरक्षा उपाय, घरेलू उद्योगों की सुरक्षा के लिये नियमों के अस्थायी निलंबन की अनुमति देते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) |