प्रारंभिक परीक्षा
मोरक्को में भूकंप
- 14 Sep 2023
- 6 min read
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
8 सितंबर, 2023 की रात मोरक्को में आए भूकंप के कारण भीषण तबाही देखी गई, यह मोरक्को के इतिहास में अब तक का सबसे विनाशकारी भूकंप था। 6.8 तीव्रता वाले इस भूकंप का केंद्र एटलस पर्वत के अल-हौज़ क्षेत्र में था, यह क्षेत्र प्राचीन शहर मराकेश के निकट स्थित है।
- भूकंप की इस घटना के बाद 4.9 तीव्रता के साथ आए कई झटकों/आफ्टरशॉक्स के कारण इस क्षेत्र में स्थिति और अधिक चिंताजनक हो गई है।
मोरक्को में भूकंप का कारण:
- इस भूकंप का प्रमुख कारण एक जटिल प्लेट सीमा के साथ अफ्रीकी प्लेट और यूरेशियन प्लेट का अभिसरण है।
- इस भूकंप के भ्रंश तंत्र (Faulting Mechanism) को "ऑब्लिक-रिवर्स" के रूप में वर्गीकृत किया गया है, यह फाॅल्ट लाइन में गति को दर्शाता है जिसमें ऊपरी ब्लॉक ऊपर की उठता है और मोरक्कन हाई एटलस पर्वत शृंखला के निचले ब्लॉक से टकराता है।
- भ्रंश, शैल संरचनाओं में विभंजन/दरार (Fractures) हैं जो शैल खंडों (Rock Blocks) को एक-दूसरे के सापेक्ष स्थानांतरित करने में सक्षम बनाते हैं। भ्रंश की तीव्र गति के कारण भूकंप आ सकते हैं।
- भ्रंश/फाॅल्ट को उनके नति (Dip- सतह के संबंध में कोण) एवं सर्पण दिशा (Slip Direction) के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
- नति-सर्पण भ्रंश (Dip-slip Faults) में सामान्य भ्रंश (ऊपरी ब्लॉक निचले ब्लॉक के नीचे चला जाता है) और व्युत्क्रम (ऊपरी ब्लॉक ऊपर और निचले ब्लॉक के ऊपर चला जाता है) शामिल हैं, व्युत्क्रम टेक्टोनिक संपीड़न के क्षेत्रों में आम हैं।
- नतिलंब सर्पण (Strike-slip faults) भ्रंश में भ्रंश तल के साथ क्षैतिज गति शामिल होती है।
- तिर्यक-सर्पण भ्रंश नति-सर्पण और नतिलंब सर्पण भ्रंश दोनों की विशेषताओं को प्रदर्शित करते हैं।
- यह भूकंप पृथ्वी की सतह के नीचे अपेक्षाकृत उथली गहराई पर आया, जो इसकी विनाशकारी क्षमता में एक योगदान कारक है।
- शैलो भूकंप पृथ्वी की सतह से निकटता के कारण अधिक खतरनाक होते हैं।
- वे गहरे भूकंपों की तुलना में अधिक ऊर्जा छोड़ते हैं, जिससे वे संभावित रूप से अधिक विनाशकारी होते हैं।
- गहराई में आने वाले भूकंपों में ऊर्जा नष्ट हो जाती है क्योंकि भूकंपीय तरंगें अधिक दूरी तय करती हैं।
- शैलो भूकंप पृथ्वी की सतह से निकटता के कारण अधिक खतरनाक होते हैं।
मोरक्को के बारे में मुख्य तथ्य:
- मोरक्को पश्चिमी-उत्तरी अफ्रीका में जिब्राल्टर जलडमरूमध्य के उस पार स्पेन के ठीक सामने स्थित है।
- इसकी सीमाएँ पूर्व और दक्षिण-पूर्व में अल्जीरिया, दक्षिण में पश्चिमी सहारा से लगती हैं तथा यह पश्चिम में अटलांटिक महासागर एवं उत्तर में भूमध्य सागर से घिरा हुआ है।
- राजधानी शहर: रबात
- प्रमुख पर्वत शृंखलाएँ: एटलस और रिफ पर्वत।
- मोरक्को अफ्रीका और यूरेशिया की अभिसरण प्लेट पर स्थित है, जो पृथ्वी की भू-पर्पटी का निर्माण करने वाली दो प्रमुख विवर्तनिक प्लेटें हैं। इनमें लगातार कंपन हो रहा है और ये आपस में टकरा रही हैं जिससे पहाड़, ज्वालामुखी, भूकंप तथा अन्य भू-वैज्ञानिक स्थितियाँ उत्पन्न हो रही हैं।
- मोरक्को में एटलस पर्वत इन प्लेटों के बीच टकराव का परिणाम है, क्योंकि वे संपीड़न बलों द्वारा दबाए और ऊपर उठाए जाते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2013)
उपर्युक्त में से कौन-से पृथ्वी के पृष्ठ पर गतिक परिवर्तन लाने के लिये ज़िम्मेवार हैं? (a) केवल 1, 2, 3 और 4 उत्तर: (d) मेन्स:प्रश्न. क्या कारण है कि संसार का वलित पर्वत (फोल्डेड माउन्टेन) तंत्र महाद्वीपों के सीमांतों के साथ-साथ अवस्थित है? वलित पर्वतों के वैश्विक वितरण और भूकंपों एवं ज्वालामुखियों के बीच साहचर्य को उजागर कीजिये।(2014) प्रश्न. भूकंप से संबंधित संकटों के लिये भारत की भेद्यता की विवेचना कीजिये। पिछले तीन दशकों में भारत के विभिन्न भागों में भूकंप द्वारा उत्पन्न बड़ी आपदाओं के उदाहरण प्रमुख विशेषताओं के साथ दीजिये। (2021) |