भूगोल
तुर्किये में भूकंप और इसके कारण
- 07 Feb 2023
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में तुर्किये में 7.8 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किये गए, जिसमें एनातोलिया टेक्टोनिक ब्लॉक के रूप में जानी जाने वाली प्लेट प्रसिद्ध भ्रंश प्लेट सीमा के साथ टकरा गई।
- यह भूकंप "स्ट्राइक-स्लिप क्वेक" था जो अपेक्षाकृत कम गहराई पर उत्पन्न हुआ था।
- इसे तुर्किये के संदर्भ में शताब्दी का सबसे शक्तिशाली भूकंप और वर्ष 1939 के बाद से सबसे खराब आपदा के रूप में वर्णित किया जा रहा है। वर्ष 1939 का भूकंप एर्ज़िनकन भूकंप था जिसने "एर्ज़िनकन मैदान और केल्किट नदी घाटी में अत्यधिक क्षति पहुँचाई थी।
तुर्किये को भूकंप का खतरा:
- पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र के टेक्टोनिक्स, जिसमें तुर्किये, सीरिया और जॉर्डन शामिल हैं, अफ्रीकी, अरब एवं यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के साथ-साथ एनातोलिया टेक्टोनिक ब्लॉक के बीच जटिल अंतः क्रिया का प्रभाव है।
- तुर्किये एनातोलिया टेक्टोनिक प्लेट पर स्थित है, जो दो प्रमुख भ्रंश सीमाएँ बनाती है अर्थात् उत्तरी एनाटोलियन फॉल्ट (NAF) जो पश्चिम से पूर्व की ओर और ईस्ट एनातोलिया फॉल्ट (EAF) दक्षिण-पूर्व में विस्तृत है।
- NAF लाइन यूरेशियन और अनातोलियन विवर्तनिक प्लेटों का मिलन बिंदु है जिसे "विशेष रूप से विनाशकारी" के रूप में जाना जाता है।
- NAF उत्तरी तुर्की में दाएँ-पार्श्व स्ट्राइक-स्लिप संरचना है जो यूरेशिया और अफ्रीका के संबंध में अनातोलिया ब्लॉक की पार्श्वीय गति को पश्चिम की ओर समायोजित करती है।
- EAF अनातोलियन प्लेट और उत्तर की ओर बढ़ने वाली अरब प्लेट के बीच विवर्तनिक सीमा है। यह पूर्वी तुर्की से भूमध्य सागर में 650 किलोमीटर तक है।
- NAF लाइन यूरेशियन और अनातोलियन विवर्तनिक प्लेटों का मिलन बिंदु है जिसे "विशेष रूप से विनाशकारी" के रूप में जाना जाता है।
- इसके अलावा दक्षिणी ग्रीस और पश्चिमी तुर्की के तहत पूर्वी भूमध्य सागर में स्थित एज़ियन सी प्लेट भी इस क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधि का एक स्रोत है।
- एक अनुमान के अनुसार, तुर्की के लगभग 95% भूभाग भूकंप के प्रति संवेदनशील है, जबकि देश का लगभग एक-तिहाई हिस्सा उच्च जोखिम में है, जिसमें इस्तांबुल और इज़मिर के प्रमुख शहर और पूर्वी अनातोलिया के आसपास के क्षेत्र शामिल हैं।
सामान्य भूकंप एवं स्ट्राइक स्लिप भूकंप में अंतर:
- प्लेट संचलन: स्ट्राइक-स्लिप भूकंप में दो विवर्तनिक प्लेटें क्षैतिज रूप से एक-दूसरे के पार्श्व में संचलन करती हैं, जबकि एक सामान्य भूकंप में संचलन ऊर्ध्वाधर होता है।
- फॉल्ट ज़ोन, विवर्तनिक भूकंप, ज्वालामुखीय भूकंप, मानव प्रेरित भूकंप विभिन्न प्रकार के भूकंप हैं।
- फाॅल्ट लाइन के प्रकार और स्थान: ट्रांसफॉर्म सीमाओं के आसपास, जैसे कि कैलिफोर्निया के सैन एंड्रियास फॉल्ट में स्ट्राइक-स्लिप भूकंप आते हैं, जबकि नियमित भूकंप अलग-अलग अथवा अभिसरण प्लेट सीमाओं के आसपास आते हैं जहाँ प्लेटों में गतिविधि लंबवत रूप में होती है, जैसे प्रशांत "रिंग ऑफ फायर"।
- आवृत्ति: नियमित भूकंपों की तुलना में स्ट्राइक-स्लिप भूकंप अधिक बार आते हैं, क्योंकि प्लेटें ट्रांसफॉर्म सीमाओं के साथ निरंतर गतिमान होती हैं।
- भूकंपीय अंतराल: स्ट्राइक-स्लिप भूकंप के कारण "भूकंपीय अंतराल" हो सकता है, जिसमें किसी ट्रांसफॉर्म सीमा के एक हिस्से में लंबे समय तक भूकंप नहीं आता है, इससे भविष्य में उस क्षेत्र में भूकंपीय घटना की संभावना बढ़ जाती है। आमतौर पर नियमित भूकंप के कारण "भूकंपीय अंतराल" नहीं होता है।
- कारण: एक-दूसरे के विपरीत दो प्लेटों की गति और तनाव से निकलने वाली ऊर्जा स्ट्राइक-स्लिप फॉल्ट भूकंप का कारण है।
शैलो भूकंप के प्रभाव:
- शैलो भूकंप एक ऐसा भूकंप है जो सतह के करीब बहुत कम दूरी पर उत्पन्न होता है, आमतौर पर पृथ्वी की भू-पर्पटी के अंदर। सामान्यतः इसकी गहराई 70 किमी. से कम होती है और इसके परिणामस्वरूप सतह पर काफी हलचल होने और सतह के टूटने की घटनाएँ हो सकती हैं।
- अक्सर गहरे भूकंपों की तुलना में वे अधिक घातक होते हैं क्योंकि भूकंपीय तरंगों से ऊर्जा सतह के करीब निकलती है, जिससे सतह में गति अधिक होती है और अधिक तीव्र कंपन होता है।
- यह इमारतों और बुनियादी ढाँचे को नुकसान पहुँचा सकता है, साथ ही भूस्खलन, चट्टानों के गिरने और अन्य माध्यमिक स्तर के खतरे उत्पन्न कर सकता है।
- हालाँकि भूकंप के कारण होने वाली क्षति कई कारकों पर निर्भर करती है, जिसमें भूकंप का दायरा, उपरिकेंद्र से दूरी, भूकंप की गहराई, मिट्टी का प्रकार और सतह पर भूवैज्ञानिक स्थितियाँ सम्मिलित हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारतीय उपमहाद्वीप में भूकंपों की आवृत्ति बढ़ती हुई प्रतीत होती है। फिर भी इनके प्रभाव के न्यूनीकरण हेतु भारत की तैयारी (तत्परता) में महत्त्वपूर्ण कमियाँ है। विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कीजिये । (2015) प्रश्न. भूकंप संबंधित संकटों के लिये भारत की भेद्यता की विवेचना कीजिये। पिछले तीन दशकों में भारत के विभिन्न भागों में भूकंप द्वारा उत्पन्न बड़ी आपदाओं के उदाहरण प्रमुख विशेषताओं के साथ दीजिये। (2021) |