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प्रारंभिक परीक्षा

‘पृथ्वी अवलोकन उपग्रह: EOS-02

  • 08 Apr 2022
  • 5 min read

हाल ही में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री द्वारा जानकारी साझा की गई है कि पृथ्वी अवलोकन उपग्रह- 02 को वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में लॉन्च किया जाएगा।

  • महामारी और उसके परिणामस्वरूप लगने वाले लॉकडाउन के कारण लॉन्च में देरी हुई।
  • इससे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पृथ्वी प्रेक्षण उपग्रह (EOS)-04 और दो छोटे उपग्रहों (INSPIREsat-1 और INS-2TD) को पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल- C52 रॉकेट द्वारा सफलतापूर्वक इच्छित कक्षा में स्थापित किया गया था।

EOS-02 उपग्रह:

  • EOS-02 विभिन्न नई तकनीकों हेतु प्रौद्योगिकी प्रदर्शन उपग्रह (Technology Demonstration Satellite) है जिसमें कृषि, वानिकी, भूविज्ञान, जल विज्ञान, लघु विद्युत इलेक्ट्रॉनिक्स, रिएक्शन व्हील आदि शामिल हैं तथा जो SSLV (लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान)-1 के लिये पेलोड का निर्माण करते हैं।
    • एसएसएलवी सबसे छोटा वाहन है जिसका वज़न मात्र 110 टन है। इसे एकीकृत होने में केवल 72 घंटे लगेंगे, जबकि एक प्रक्षेपणयान को अभी भी 70 दिन का समय लगता है।
    • इसका उद्देश्य छोटे उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षाओं में लॉन्च करने के लिये बाज़ार उपलब्ध कराना है जो हाल के वर्षों में विकासशील देशों, छोटे उपग्रहों के लिये विश्वविद्यालयों और निजी निगमों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये उभरा है।

EOS शृंखला में अन्य उपग्रह: 

  • EOS-01: 
    • कृषि, वानिकी और आपदा प्रबंधन सहायता हेतु एक ‘पृथ्वी अवलोकन उपग्रह’ (EOS)।
  • EOS-03: 
    • भूस्थैतिक कक्षा में पहला पृथ्वी अवलोकन उपग्रह, जिसमें निकट वास्तविक समय इमेजिंग, प्राकृतिक आपदाओं की त्वरित निगरानी, कृषि, वानिकी आदि से संबंधित उपकरण शामिल हैं।
  • EOS-04: 
    • रडार इमेजिंग उपग्रह, जिसका उद्देश्य कृषि, वानिकी एवं वृक्षारोपण, मिट्टी की नमी तथा जल विज्ञान और बाढ़ मानचित्रण जैसे अनुप्रयोगों के लिये मौसम की सभी स्थितियों में उच्च गुणवत्ता वाली छवियाँ प्रदान करना है।
  • EOS-05: 
    • भूस्थिर कक्षा में भू-प्रेक्षण उपग्रह।
  • EOS-06: 
    • समुद्र से संबंधित सेवाओं, संभावित मत्स्यपालन क्षेत्र और समुद्र की स्थिति के पूर्वानुमान से संबंधित अनुप्रयोगों के लिये ‘पृथ्वी अवलोकन उपग्रह’।

‘पृथ्वी अवलोकन उपग्रह’ क्या हैं?

  • ‘पृथ्वी अवलोकन उपग्रह’ रिमोट सेंसिंग तकनीक से लैस उपग्रह होते हैं। पृथ्वी अवलोकन का अभिप्राय पृथ्वी की भौतिक, रासायनिक और जैविक प्रणालियों के बारे में जानकारी का संग्रह करने से है।
  • कई पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों को सूर्य-तुल्यकालिक कक्षा में नियोजित किया गया है।
  • इसरो द्वारा लॉन्च किये गए अन्य पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों में रिसोर्ससैट-2, 2A, कार्टोसैट-1, 2, 2A, 2B, रिसैट-1 और 2, ओशनसैट-2, मेघा-ट्रॉपिक्स, सरल और स्कैटसैट-1, इन्सैट-3DR, 3D, शामिल हैं।

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यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs):

प्रश्न. भारतीय क्षेत्रीय संचार उपग्रह प्रणाली (IRNSS) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. IRNSS के तुल्यकाली (जियोस्टेशनरी) कक्षाओं में तीन उपग्रह और भू-तुल्यकाली कक्षाओं में चार उपग्रह हैं।
  2. IRNSS की व्याप्ति संपूर्ण भारत पर और इसकी सीमाओं से बाहर लगभग 5500 वर्ग किमी. तक है।
  3. वर्ष 2019 के मध्य तक भारत के पास पूर्ण व्याप्ति के साथ अपनी स्वयं की उपग्रह संचार प्रणाली होगी।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) इनमे से कोई नहीं

उत्तर: (a)

स्रोत: पी.आई.बी.

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