लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

प्रारंभिक परीक्षा

अर्थ आवर

  • 30 Mar 2022
  • 5 min read

26 मार्च 2022 को दुनिया भर के लोग विश्व ‘अर्थ आवर’ के दौरान ऊर्जा संरक्षण हेतु समर्थन के रूप में अपने घरों एवं कार्यालयों में लाइट बंद कर देते हैं।

  • विदित हो कि अर्थ आवर पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल) से अलग है।

Earth-Hour

प्रकृति हेतु विश्व वन्यजीव कोष:

  • परिचय:
    • यह दुनिया का एक अग्रणी संरक्षण संगठन है, जो 100 से अधिक देशों में काम करता है।
  • स्थापना:
    • इसकी स्थापना वर्ष 1961 में हुई थी और इसका मुख्यालय ग्लैंड, स्विटज़रलैंड में स्थित है।
  • मिशन:
    • प्रकृति का संरक्षण और पृथ्वी पर जैव विविधता के समक्ष मौजूद खतरों को कम करना।
  • WWF की अन्य पहलें:

‘अर्थ आवर’ क्या है?

  • परिचय:
    • ‘अर्थ आवर’ वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड फॉर नेचर (WWF) की वार्षिक पहल है, जो वर्ष 2007 में शुरू हुई थी।
    • यह प्रतिवर्ष मार्च माह के अंतिम शनिवार को आयोजित किया जाता है।
    • यह 180 से अधिक देशों के लोगों को उनके स्थानीय समय के अनुसार रात 8.30 बजे से रात 9.30 बजे तक लाइट बंद करने के लिये प्रोत्साहित करता है।
    • पर्यावरण संरक्षण के लिये इस प्रतीकात्मक आह्वान में ऊर्जा बचाने हेतु गैर-आवश्यक प्रकाश के उपयोग को कम करना है।
  • थीम 2022:
    • ‘शेप आवर फ्यूचर’।

उद्देश्य और महत्त्व:

  • अर्थ आवर का उद्देश्य प्रकृति की रक्षा, जलवायु संकट से निपटने और मनुष्यों के उज्जवल भविष्य को आकार देने हेतु मिलकर काम करने के विषय में जागरूकता बढ़ाना और वैश्विक वार्ता को बढ़ावा देना है।
  • यह दुनिया को लोगों और ग्रह के लिये एकजुटता का आह्वान करता है।
  • यह प्रथा नाटकीय परिवर्तन एवं पर्यावरण की रक्षा हेतु सामूहिक कार्रवाई का उत्प्रेरक बन गई है।
  • यह जलवायु परिवर्तन की रोकथाम और ऊर्जा संरक्षण के लिये ज़मीनी स्तर पर विश्व का सबसे बड़ा आंदोलन है। इस दौरान दुनिया भर के लोग एक घंटे के लिये अनावश्यक लाईट बंद करके जलवायु परिवर्तन के खिलाफ एकजुट होते हैं।

ऊर्जा संरक्षण के लिये प्रमुख भारतीय पहलें:

  •  प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार (Perform, Acheive and Trade-PAT) के तहत ऊर्जा बचत के प्रमाणीकरण के माध्यम से ऊर्जा गहन उद्योगों की ऊर्जा दक्षता सुधार में लागत प्रभावशीलता बढ़ाने के लिये यह एक बाज़ार आधारित तंत्र है।
  • मानक और लेबलिंग: यह योजना 2006 में शुरू की गई थी और वर्तमान में उपकरण/उपकरणों के लिये लागू की गई है।
  • ऊर्जा संरक्षण भवन कोड (ECBC): इसे वर्ष 2007 में नए वाणिज्यिक भवनों के लिये विकसित किया गया था।
  • मांग पक्ष प्रबंधन (DSM): इसका आशय विद्युत मीटर की मांग या ग्राहक-पक्ष पर प्रभाव डालने के उद्देश्य से उपायों के चयन, नियोजन और कार्यान्वयन से है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षो के प्रश्न (PYQs)

'पृथ्वी काल' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

1- यह UNEP तथा UNESCO का उपक्रमण है।
2- यह एक आंदोलन है, जिसमें प्रतिभागी प्रतिवर्ष एक निश्चित दिन, एक घंटे के लिये बिजली बंद कर देते हैं।
3- यह जलवायु परिवर्तन और पृथ्वी को बचाने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता लाने वाला आंदोलन है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2