जैव विविधता और पर्यावरण
बाघ संरक्षण के लिये पुरस्कार
- 27 Nov 2020
- 10 min read
प्रिलिम्स के लियेTX2 अवार्ड, कंज़र्वेशन एक्सीलेंस अवार्ड, पीलीभीत टाइगर रिज़र्व (PTR), ट्रांसबाउंडरी मानस संरक्षण क्षेत्र (TraMCA), TX2 लक्ष्य मेन्स के लियेभारत में बाघों की स्थिति और इस दिशा में सरकार द्वारा किये गए प्रयास |
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिज़र्व (PTR) ने चार वर्ष (2014-18) में बाघों की संख्या को दोगुना करने के लिये TX2 अवार्ड (TX2 Award) जीता है।
प्रमुख बिंदु:
- पीलीभीत टाइगर रिज़र्व (PTR) के साथ-साथ भारत और भूटान की सीमा पर स्थित ट्रांसबाउंडरी मानस संरक्षण क्षेत्र (TraMCA) ने भी इस दिशा में अपने प्रयासों के लिये कंज़र्वेशन एक्सीलेंस अवार्ड जीता है।
- ध्यातव्य है कि इससे पूर्व वर्ष 2018 के अखिल भारतीय बाघ आकलन ने विश्व का सबसे बड़ा कैमरा ट्रैप वन्यजीव सर्वेक्षण होने का गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था।
पुरस्कारों के बारे में
- वर्ष 2010 में शुरू हुए ये दोनों पुरस्कार टाइगर रेंज कंट्रीज़ (TRC) में किसी भी ऐसी साइट को दिया जाता है, जिसने वर्ष 2010 के बाद बाघ संरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है।
- यहाँ साइट से अभिप्राय बाघ आबादी वाले ऐसे क्षेत्र से है, जिसे कानूनी रूप से देश की सरकार द्वारा नामित किया गया हो।
- टाइगर रेंज कंट्रीज़ (TRC) में ऐसे देश शामिल हैं, जहाँ बाघ अभी भी बड़ी संख्या में पाए जाते हैं।
- इन पुरस्कारों के विजेताओं की घोषणा 23 नवंबर, 2020 को वैश्विक TX2 लक्ष्यों (TX2 Goal) की 10वीं वर्षगाँठ के अवसर पर की गई है।
- पुरस्कार के विजेताओं को छोटा वित्तीय अनुदान प्रदान किया जाएगा, जिसका उपयोग भविष्य में बाघ संरक्षण की दिशा में की जाने वाली पहलों के लिये किया जाएगा।
- TX2 अवार्ड (TX2 Award): यह पुरस्कार ऐसी ‘साइट’ को दिया जाता है, जिसने वर्ष 2010 से अब तक बाघों की आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है।
- कंज़र्वेशन एक्सीलेंस अवार्ड: यह पुरस्कार किसी ऐसी ‘साइट’ को प्रदान किया जाता है, जिसने निम्नलिखित पाँच विषयों में से दो या उससे अधिक में उत्कृष्टता हासिल की हो:
- बाघ और उसके द्वारा शिकार किये जाने वाले जानवरों की आबादी की निगरानी करने और इस संबंध में अनुसंधान करने;
- ‘साइट’ का प्रभावी प्रबंधन;
- उन्नत कानून प्रवर्तन तथा संरक्षण और वनपालकों के कल्याण में सुधार;
- समुदाय आधारित संरक्षण और मानव-वन्यजीव संघर्ष में कमी
- पर्यावास और बाघों द्वारा द्वारा शिकार किये जाने वाले जानवरों का प्रबंधन
TX2 लक्ष्यों (TX2 Goal)
- TX2 लक्ष्य वर्ष 2022 तक विश्व में जंगली बाघों की संख्या को दोगुना करने की वैश्विक प्रतिबद्धता को प्रकट करते है।
- इन लक्ष्यों का निर्धारण विश्व वन्यजीव कोष (WWF) द्वारा ग्लोबल टाइगर इनिशिएटिव, ग्लोबल टाइगर फोरम और ऐसे ही अन्य महत्त्वपूर्ण प्लेटफार्मों के माध्यम से किया था।
- इन लक्ष्यों के निर्धारण के लिये वर्ष 2010 में टाइगर रेंज कंट्रीज़ (TRC) में शामिल सभी 13 देशों की सरकारें पहली बार सेंट पीटर्सबर्ग शिखर सम्मेलन (रूस) में एक साथ आई थीं, जहाँ उन्होंने वर्ष 2022 तक बाघों की संख्या को दोगुना करने के लिये प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।
- टाइगर रेंज कंट्रीज़ (TRC) में शामिल हैं- भारत, बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्याँमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम।
- बाघ को IUCN रेड लिस्ट में 'संकटग्रस्त' (Endangered) की सूची में रखा गया है और इसे CITES के परिशिष्ट-I के तहत सूचीबद्ध किया गया है।
- बाघ संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिये प्रत्येक वर्ष 29 जुलाई को विश्व बाघ दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- भारत में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वर्ष 1973 में की गई थी। बाघ को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की 'अनुसूची-I' के तहत सूचीबद्ध किया गया है।
पीलीभीत टाइगर रिज़र्व (PTR)
- अवस्थिति: यह टाइगर रिज़र्व उत्तर प्रदेश के तीन ज़िलों यथा- पीलीभीत, लखीमपुर खीरी और बहराइच, में अवस्थित है।
- पीलीभीत टाइगर रिज़र्व (PTR) का उत्तरी छोर भारत-नेपाल सीमा के पास अवस्थित है, जबकि इसका दक्षिणी हिस्सा शारदा और खकरा नदी के पास मौजूद है।
- इतिहास: इसे वर्ष 2014-15 में विशाल खुले स्थानों के साथ अपने विशेष प्रकार के पारिस्थितिकी तंत्र के आधार पर एक टाइगर रिज़र्व के रूप में मान्यता दी गई थी।
- पीलीभीत टाइगर रिज़र्व (PTR) अत्यधिक विविध तराई पारिस्थितिकी तंत्र का सबसे बेहतर उदाहरण है।
- विशेषता:
- भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) द्वारा किये गए अध्ययन से पता चलता है कि दुधवा-पीलीभीत एक ‘हाई कंज़र्वेशन वैल्यू’ वाला क्षेत्र है, क्योंकि यहाँ तराई पारिस्थितिकी तंत्र के अनुकूल हो चुकी बाघ की विशिष्ट आबादी का प्रतिनिधित्त्व करता है।
- यहाँ 127 से अधिक जंगली जानवर, 326 पक्षी प्रजातियाँ और 2,100 फूल और पौधों की अलग-अलग प्रजतियाँ पाई जाती हैं।
- जंगली जानवरों में बाघ, हिरण और तेंदुआ आदि शामिल हैं।
- इसमें कई जल निकायों के साथ जंगल और घास के मैदान भी शामिल हैं।
- TX2 अवार्ड का कारण: पीलीभीत टाइगर रिज़र्व (PTR) में बाघों की संख्या सिर्फ चार वर्ष (2014-18) की अवधि में 25 से 65 हो गई है।
- उत्तर प्रदेश के अन्य संरक्षित क्षेत्र
- दुधवा नेशनल पार्क
- कतरनियाघाट वन्यजीव अभयारण्य
- चंबल वन्यजीव अभ्यारण्य
- सूर सरोवर पक्षी अभयारण्य
ट्रांसबाउंडरी मानस संरक्षण क्षेत्र (TraMCA)
- इतिहास: मनुष्यों और वन्यजीवों के महत्त्व के लिये भूटान और भारत के बीच एक ट्रांसबाउंडरी संरक्षण क्षेत्र को संयुक्त रूप से विकसित और प्रबंधित करने की अवधारणा सर्वप्रथम वर्ष 2011 में सामने आई थी।
- विशेषता
- 6500 वर्ग किलोमीटर में फैला ट्रांसबाउंडरी मानस संरक्षण क्षेत्र (TraMCA) भारत में संपूर्ण मानस टाइगर रिज़र्व, भूटान के चार संरक्षित क्षेत्रों और दो बायोलॉजिकल गलियारों को भी कवर करता है।
- भारत में मानस टाइगर रिज़र्व और भूटान में रॉयल मानस नेशनल पार्क, ट्रांसबाउंडरी मानस संरक्षण क्षेत्र (TraMCA) का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं, और इनमें बाघों, हाथियों, गैंडों जैसे जानवरों, पक्षियों और पौधों की 1500 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- ट्रांसबाउंडरी मानस संरक्षण क्षेत्र (TraMCA) और इसके आसपास का इलाका भारत तथा भूटान में तकरीबन 10 मिलियन से अधिक लोगों की प्रत्यक्ष सहायता करता है।
- कंज़र्वेशन एक्सीलेंस अवार्ड का कारण: ट्रांसबाउंडरी मानस संरक्षण क्षेत्र (TraMCA) को भी बाघ की आबादी बढ़ाने के प्रयासों के कारण इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मानस टाइगर रिज़र्व (भारत) में बाघों की संख्या वर्ष 2010 के 9 से बढ़कर वर्ष 2018 में 25 हो गई है, जबकि भूटान के रॉयल मानस नेशनल पार्क में बाघों की संख्या वर्ष 2010 के 12 से बढ़कर वर्ष 2018 में 26 हो गई है।