E प्राइम लेयर | 24 Nov 2023
स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
जर्मनी में आर्गन नेशनल लैब के एडवांस्ड फोटॉन सोर्स और डॉयचेस एलेक्ट्रोनन-सिंक्रोट्रॉन के पेट्रा III में किये गए एक शोध के अनुसार, पृथ्वी का आतंरिक क्रोड के बाहरी हिस्से पर E प्राइम लेयर नामक एक नई रहस्यमयी परत बन गई है।
- ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि सतह का जल भूमि में गहराई तक चला गया, जिससे तरल धातु क्रोड के बाहरी क्षेत्र की संरचना बदल गई।
समय के साथ E प्राइम लेयर का विकास कैसे हुआ?
- प्लेट विवर्तनिकी द्वारा जल को पृथ्वी के आतंरिक भाग तक ले जाना:
- नए शोध से एक आकर्षक प्रक्रिया का पता चलता है जहाँ सतही जल ले जाने वाली प्लेट विवर्तनिकी, अरबों वर्षों से इसे पृथ्वी के आंतरिक भाग में गहराई तक पहुँचा रही है।
- जल जब पृथ्वी की सतह से लगभग 1,800 मील नीचे स्थित क्रोड व मैंटल सीमा तक पहुँचता है तो कुछ विशेष रासायनिक परिवर्तन होते हैं जो प्रत्यक्ष रूप से पृथ्वी के क्रोड की संरचना को प्रभावित करते हैं।
- पृथ्वी के क्रोड पर रासायनिक प्रतिक्रियाएँ तथा संरचनात्मक प्रभाव:
- वैज्ञानिकों के शोध उन रासायनिक प्रतिक्रियाओं को उजागर करते हैं जिसमें उच्च दबाव के तहत उप-प्रवाहित जल का क्रोड सामग्रियों के साथ संपर्क में आना शामिल है।
- इस अंतःक्रिया के परिणामस्वरूप बाहरी क्रोड में उच्च हाइड्रोजन सामग्री तथा निम्न सिलिकॉन स्तर की विशेषता वाली एक अलग परत का निर्माण होता है, जिससे एक पतली परत जैसी संरचना का निर्माण होता है।
- इसके अतिरिक्त इस प्रक्रिया से सिलिका क्रिस्टल उत्पन्न होते हैं जो मैंटल में विकसित होते हैं तथा इसकी संरचना को बदल देते हैं।
- द्रव धातु सतह में इन परिवर्तनों के संभावित प्रभाव होते हैं, जिनमें निम्न घनत्व तथा परिवर्तित भूकंपीय विशेषताएँ शामिल हैं।
- पृथ्वी को और अधिक समझने में E प्राइम लेयर का महत्त्व:
- यह खोज पहले की तुलना में अधिक जटिल वैश्विक जल चक्र का सुझाव देती है। परिवर्तित आतंरिक भाग की परत महत्त्वपूर्ण निहितार्थ रखती है, यह परस्पर जुड़ी भू-रासायनिक प्रक्रियाओं पर प्रकाश डालती है जो सतही जल चक्र को गहरे धात्विक आतंरिक भाग से जोड़ती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. पृथ्वी ग्रह की संरचना में मैंटल के नीचे कोर मुख्य रूप से निम्नलिखित में से किससे बना है? (2009) (a) अल्युमीनियम उत्तर: (c) मेन्स:प्रश्न. मेंटल प्लूम को परिभाषित कीजिये तथा प्लेट विवर्तनिकी में इसकी भूमिका की व्याख्या कीजिये। (2018) |