रैपिड फायर
DRDO के स्क्रैमजेट परीक्षण से हाइपरसोनिक मिसाइल विकास को बढ़ावा
- 25 Jan 2025
- 3 min read
स्रोत: पी.आई.बी
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने भारत की हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक को आगे बढ़ाते हुए सुपरसोनिक दहन रैमजेट (स्क्रैमजेट) इंजन का सफलतापूर्वक ग्राउंड टेस्ट किया है।
- स्क्रैमजेट इंजन: स्क्रैमजेट इंजन (एयर-ब्रीदिंग इंजन) एक उन्नत रैमजेट है जो दहन के लिये सुपरसोनिक एयरफ्लो का उपयोग करता है, जिससे तेज़ गति प्राप्त होती है। यह थ्रस्ट के लिये तरल हाइड्रोजन और तरल ऑक्सीजन का उपयोग करता है, जिससे बेहतर ईंधन दक्षता प्राप्त होती है।
- टर्बोजेट इंजन के विपरीत, रैमजेट और स्क्रैमजेट में कोई गतिशील भाग नहीं होता है, इनमें केवल एक इनलेट, कम्बस्टर (ईंधन इंजेक्टर और फ्लेम होल्डर के साथ) और एक नोजल होता है।
- स्क्रैमजेट हाइपरसोनिक वाहनों के लिये ध्वनि की गति से भी अधिक गति पर एयरफ्लो को संभालने, गतिशीलता प्रदान करने और रणनीतिक लाभ प्रदान करने के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
- DRDO की उपलब्धियाँ: ग्राउंड टेस्ट से स्क्रैमजेट इंजन में स्थिर दहन प्राप्त हुआ, तथा बेहतर शीतलन और प्रज्वलन के लिये स्वदेशी एंडोथर्मिक स्क्रैमजेट ईंधन विकसित किया गया।
- अत्यधिक तापमान का सामना करने के लिये एक थर्मल बैरियर कोटिंग भी विकसित की गई थी।
- हाइपरसोनिक मिसाइल: मैक 5 (5,400 किमी/घंटा से अधिक) से अधिक गति से यात्रा करते हुए, उच्च गति, उच्च प्रभाव वाले हमलों से हवाई सुरक्षा को भेद देती हैं।
- हाइपरसोनिक मिसाइलों के लिये वैश्विक स्पर्द्धा: अमेरिका, रूस और चीन हाइपरसोनिक तकनीक को आगे बढ़ा रहे हैं।
- वर्ष 2021 में, चीन ने एक परमाणु-सक्षम हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन का परीक्षण किया, जिसने अपने लक्ष्य की ओर अग्रसरित होने से बढ़ने से पहले ग्लोब का चक्कर लगाया।
और पढ़ें: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, एयर ब्रीदिंग इंजन